करनाल, 16 मई। हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि जन नायक जनता पार्टी ने किसानों के हित में अनेक काम किए है ।
उन्होंने कहा कि भविष्य में मौका मिलने पर और बड़े कदम उठाए जाएंगे। वे वीरवार को चुनाव प्रचार के दौरान इसराना हलके के गांव सुताना में ट्रैक्टर लेकर पहुंचे और ग्रामीणों से करनाल लोकसभा से जेजेपी प्रत्याशी देवेंद्र कादियान के पक्ष में वोट करने की अपील की।
पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि किसानों को खुशहाली ही जेजेपी का सपना है। उन्होंने कहा कि सरकार में रहते हुए
किसानों के हित में 14 फसलों की एमएसपी पर बेहतर तरीके से खरीद और उसका जल्द भुगतान, समय पर फसल नुकसान का मुआवजा देने के लिए जेजपी निरंतर प्रयासरत रही और उसमें हम कामयाब भी रहे।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि आज किसान फर्क साफ देख सकते है कि जब पूर्व में कांग्रेस की सरकार थी तो किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए मंडियों में ट्रैक्टर-ट्रालियों पर सोना पड़ता था
लेकिन जेजेपी को सत्ता में हिस्सेदारी मिली तो किसान तुरंत अपनी फसल बेचकर घर चला जाता था और 48 घंटे में उसका सीधा भुगतान उसके खाते में आने लगा है ।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जेजेपी की सरकार में भागीदारी थी तो साढ़े चार साल में फसल खराबे, आगजनी से फसल खराब, बरसात से मकान की क्षति की भरपाई के लिए किसानों को 1600 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया
, जो कि कांग्रेस 10 साल में भी नहीं कर पाई। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज में किसानों की चिंता करने वाला होना जरूरी है
क्योंकि जेजेपी की हरियाणा सरकार से हिस्सेदारी जाने के बाद सरकार ने किसानों को फसल बेचने और उसके भुगतान के दौरान किसानों की समस्याओं को नहीं समझा और किसान मंडियों में परेशान हुए।
जेजेपी के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ने बताया कि जब बाढ़ आई तो ट्रैक्टर लेकर वे गांव-गांव जाकर पीडि़त किसानों से मिले।
उन्होंने कहा कि कठिन समय में न केवल किसानों को राहत पहुंचाई गई बल्कि उन्हें विश्वास दिलाया कि हम उनके साथ खड़े है और किसानों के नुकसान की भरपाई मुआवजे देकर की गई।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इतिहास में पहली बार हरियाणा में बाढ़ घोषित हुई और जान-माल व पशुओं के नुकसान की भरपाई पीड़ितों को उचित मुआवजा देकर की गई।
उन्होंने कहा कि चाहे हम सत्ता में रहे या फिर विपक्ष में रहे, हमने सदा किसानों की भलाई सोची है।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि किसानों की आजीविका के साधन ट्रैक्टर को जब कॉमर्शियल वाहन घोषित किया तो ट्रैक्टर चलाकर संसद गया और किसानों की आवाज बनकर केंद्र सरकार को फैसला वापिस लेने पर मजबूर किया।