सिरसा। पिछले कई दिनों से देखने में आ रहा है कि कई गांवों में किसान संगठनों की आड़ में कुछ शरारती लोग गांवों में जजपा या बीजेपी के नेताओं का गांवों में घुसने पर विरोध कर रहे है।
ऐसा भी हो सकता है किसान आंदोलन के दौरान किसानों के साथ हुई ज्यादतियों के कारण किसानों की बीजेपी से नाराजगी हो। लेकिन जजपा से किस बात की नाराजगी ? यह बात समझ से परे है । यह कहना है पूर्व अधिकारी ओपी सिहाग का।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हमेशा किसानों के हित में कार्य किया है। हालांकि सभी किसान संगठनों के नेताओं ने पहले ही य़ह स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव के दौरान किसी भी राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवारों का किसान संगठन से जुड़े किसान विरोध नहीं करेंगे ।
लेकिन वे शांतिपूर्वक ढंग से गांवों में आने वाले नेताओं से सवाल कर सकते हैं। किसान नेताओं ने स्पष्ट तौर पर कह रखा है कि अगर किसी पार्टी से नाराजगी है तो वोट की चोट से उसको मारो। उसके बावजूद कुछ गांवों में मु_ीभर लोग जो कांग्रेस या इनलो के कार्यकर्ता हैं ।
जानबूझकर किसानों के नाम पर चुनाव के माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
गत दिवस को जींद जिले के गांव रोजखेङा में लोकसभा हिसार से जजपा की प्रत्याशी नैना चौटाला के काफिले पर जिस तरह से कुछ अराजक एवं गुंडा तत्वों द्वारा शराब के नशे में हथियारों से लैस होकर हमला किया
, नैना चौटाला के साथ चल रही महिलाओं के साथ ज्यादती की, बदसलूकी की, बदतमीजी की उनके साथ गाली-गलौज की तथा धक्का-मुक्की की और तो और एक महिला नेत्री के क पड़े तक फाडने बारे भी चर्चाएं हैं । हमले में जजपा की उचाना हलके की महिला शाखा की अध्यक्ष मुकेश डुमरखा, महिला नेत्री सीमा बददोवाल सहित 6 कार्यकर्ता बुरी तरह घायल हुए तथा काफिले में शामिल एक गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हुई ।
ओपी सिहाग ने कहा कि कुछ गुंडे तत्वो द्वारा किए गए इस कायराना हमले से जींद जिले से लेकर पूरे प्रदेश की बहुत बदनामी हुई है तथा प्रदेश में जिस तरह सरे आम कुछ गुंडे तत्वो ने किसानो की आड़ में हमारी मातृशक्ति पर हमला करके ऐसा गुनाह किया है
जिसकी जितनी भर्त्सना की जाए वो कम है क्योंंकि हमारे समाज में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया जाता है । पर इस घटना ने हम सबको बुरी तरह झकझोर दिया है। य़ह घटना दर्शाती है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का बिल्कुल दिवाला पिट गया है।
लोकतंत्र में चुनाव सबसे बड़ा पर्व होता है। हां लोक तंत्र कहे या प्रजातंत्र जिसमें लोग निष्पक्ष तरीके से किसी भी पार्टी के या निर्दलीय उम्मीदवार के पक्ष में अपना मतदान करके लोक सभा, विधानसभा या पंचायतीराज संस्थाओं में अपने क्षेत्र से प्रतिनिधि चुनने का काम करते हैं।
इन चुनावों को निष्पक्ष तथा शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न करवाने की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग या भारत निर्वाचन आयोग की होती है।
अब निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी है कि हरियाणा में जो 25 मई 2024 को लोक सभा के चुनाव हो रहे हैं वो बिल्कुल शांति पूर्ण तरीके से हो, विरोध की आड़ में किसानो के झूठे नाम लेकर जो अराजक तत्व प्रदेश के माहौल को खराब करना चाहते हैं
उन पर नकेल कसी जाए तथा नैना चौटाला के काफिले पर कुछ गुंडे तत्वो द्वारा जो हमला किया गया उसमें शामिल सभी लोगों को तथा साजिशकर्ताओं की पहचान करके सख्त कार्रवाई की जाए।