सिरसा, 30 मार्च। झोरड खाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद झोरड़ ने कहा कि किसान अपनी फसल औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर है । क्योंकि गरीब किसान मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाते । उन्होंने कहा कि मंडियों में गेहूं की आवक शुरू हो चुकी है लेकिन मंडीयों में पुख्ता इंतजाम नहीं है।
जबकि हरियाणा सरकार द्वारा अनाज मंडियों में किसानों की फसल खरीदने के पुख्ता प्रबंध कर लिए जाने के दावे किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में सरसों की खरीद न होने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। झोरड ने कहा कि सरकार द्वारा सरसों की खरीद में आनाकानी से किसानों की छह माह की मेहनत को कोडियों के भाव बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इससे किसानों का शोषण हो रहा है।
अब गेहूं की फसल मंडियों में आने वाली है। ऐसे में गेहूं खरीद के पुख्ता प्रबंधों में देरी के चलते किसानों को गेहूं के सीजन में भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार किसानों की आमदन दोगुनी करने की बात करती है और दूसरी तरफ फसलों के रेट गिर रहे है। कम दामों में फसल बेचने के लिए किसानों को मजबूर किया जा रहा है। जिसके चलते किसानों की आमदन दोगुनी होने की बजाय आधी हो रही है।
उन्होंने मांग की कि सरकार को सरसों खरीद के प्रबंध तुरंत करने चाहिए और गेहूं की खरीद को लेकर एक अप्रैल से मंडियों में तमाम तैयारियों की जाएं ताकि किसानों को परेशानी का सामना न करना पड़े।