सिरसा। झोरड़ खाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद झोरड़ ने कहा कि तेल के दाम दो रुपए घटा कर केंद्र सरकार जनता को गुमराह कर रही है। क्योंकि कच्चे तेल की कीमतें काफी कम है और उसके अनुसार रेट अभी भी काफी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि महंगाई सिर चढ़ कर बोल रही है पर सरकार की तरफ से लोगों को राहत देने की बजाय उनके साथ मजाक किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सितंबर 2014 में क्रूड ऑयल का रेट 96.96 डॉलर प्रति बैरल थी और पेट्रोल का रेट 68 रुपए प्रति लीटर था। जबकि मौजूदा समय में क्रूड ऑयल की कीमत 78 डॉलर है और पेट्रोल 97 रुपए प्रति लीटर है। मंहगाई से लोग परेशान है, लेकिन सरकार को लोगों की पीड़ा दिखाई नहीं दे रही। डीजल-पेट्रोल के रेट सरकार की ओर से कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए आनन-फानन में बढ़ाए गए थे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के शासनकाल में कभी-कभार ही 1 से दो रुपए लीटर पेट्रोल-डीजल के रेट बढ़ाए गए थे, लेकिन उस वक्त यही लोग अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करते थे। पेट्रो पदार्थों के रेट बढऩे से हर चीज महंगी हो गई, जिसका आम आदमी पर गहरा असर पड़ा है। काम धंधे ठप पड़े हंै और सरकार विकसित राष्ट्र का सपना लोगों को दिखा रही है, जोकि देश की जनता के साथ भद्दा मजाक है।
यही नहीं गैस सिलेंडर के रेट भी जो 450 रुपए थे, उन्हें भी 1100 रुपए से अधिक कर लोगों को महंगाई की चक्की में पिसने को मजबूर कर दिया। उज्जवला योजना के नाम पर लोगों को फ्री में कनैक्शन देकर सरेआम बेवकूफ बनाया और इसके बाद धीरे-धीरे गैस सिलेंडर के दाम 450 से 1150 रुपए कर दिए, जिससे गैस सिलेंडर भरवाना आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गया।
विनोद झोरड ने कहा कि महंगाई का आलम ये है कि आम आदमी के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल हो गया है। कुल मिलाकर जनता जहां महंगाई से बुरी तरह त्रस्त है, वहीं सरकार अपने पूंजीपति घरानों को खुश करने में लगी हुई है। देश की जागरूक जनता की चुप्पी इस बात का संकेत है कि वो इस बार तानाशाही सरकार को सत्त्ता से बाहर करने का मन बना चुकी है।