संघर्षों के बीच कार्यकर्ताओं से जुड़े रहे, बीजेपी की टिकट मिलने के बाद कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर
सिरसा, 14 मार्च। पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर बीजेपी की टिकट पर सिरसा लोकसभा से मैदान में उतर चुके है। वे किसी परिचय का मौहताज नहीं है। वे 2009 में कांग्रेस की टिकट पर सिरसा से सांसद बने थे। उसके बाद वे कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भी रहे। लोगों के बीच में जुड़े रहे और अपना व्यक्तिगत वोट बैंक खड़ा किया।
वे कांग्रेस को छोडक़र बीजेपी में आने से पहले तीन और पार्टियों में भी रहे। अब बीजेपी ने उन पर दांव खेलते हुए सिरसा से उम्मीदवार बनाया है। जैसे ही भाजपा द्वारा अशोक तंवर को उम्मीदवार बनाए जाने की सूची जारी की गई तो सिरसा के हुडा सेक्टर में उनके निवास पर कार्यकर्ताओं ने ढोल बजा कर व आतिशबाजी करके खुशी जताई। भाजपा ने तंवर को उम्मीदवार बना कर एक तीर से कई निशाने साधे है। क्योंकि वे हर वर्ग के वोट बैंक में सेंध लगा सकते है।
डॉ. अशोक तंवर हरियाणा की सियासत के प्रमुख किरदारों में शुमार हैं। संगठन एवं चुनाव प्रबंधन में उनका लंबा अनुभव है। वे संगठन में कई अहम पदों पर काम कर चुके हैं। 2009 में सिरसा से सांसद रह चुके डॉ. अशोक तंवर सिरसा लोकसभा से तीन चुनाव लड़ चुके हैं। वे युवा कांग्रेस के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष के अलावा हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
युवाओं सहित सभी वर्गों में उनकी प्रभावी पैठ है। विशेष बात यह है कि वे 24 घंटे में से 16 घंटे तक सक्रिय रहते हुए कार्यकर्ताओं से मेलजोल रखते हैं।
डॉ. अशोक तंवर का जन्म 12 फरवरी 1976 को झज्जर के गांव चिमनी में हुआ। वर्ष 1999 में उन्हें एनएसयूआई का सचिव और साल 2003 में प्रधान बनाया गया। उन्होंने युवा कांग्रेस आम आदमी का सिपाही की अवधारणा को लागू किया। संघर्ष, संजीदगी, सकारात्मक सोच के चलते उन्होंने युवा कांग्रेस का दायरा व्यापक किया। युवाओं को राजनीति से जोडने के लिए उन्होंने विशेष कार्यक्रम शुरू किए। 2009 में उन्हें सिरसा से उम्मीदवार बनाया गया और वे सांसद बने।
डॉ. तंवर का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वे प्रभावित हैं। जिस तरह से मोदी जी ने देश का लोहा पूरी दुनिया में मनवाया है, वो लाजवाब है। इसी तरह से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा में सुशासन स्थापित कर विकास को गति दी है।
सिरसा लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी की टिकट मिलने के बाद डॉ. अशोक तंवर गुरुवार को चंडीगढ़ राजभवन पहुंचे और महामहिम राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय से शिष्टाचार भेंट की और उनका आशीर्वाद लिया।