नकली कीटनाशक से टोहाना क्षेत्र के गांव भूंदड़ा की 60 एकड़ धान की फसल हुई बर्बाद: औलख

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ओम ट्रेडिंग कंपनी टोहाना द्वारा कामधेनु कंपनी की इंस्टार टॉप नामक दवाई से 60 एकड़ फसल हुई बर्बाद: औलख
सिरसा। टोहाना में नकली पेस्टीसाइड की वजह से किसान की 60 एकड़ धान की पक्की फसल बर्बाद होने का मामला सामने आया है।

किसानों ने अपने खेतों में परमल धान व बासमती में कामधेनु कंपनी की इंस्टार टॉप नामक फंगीसाइड का छिडक़ाव किया था, जिसके के बाद धान की फसल जलनी शुरू हो गई व उसमें मूंजर का निसार भी नहीं हुआ (दाने नहीं बने) धान सडक़र बिल्कुल बर्बाद हो गया है।

कृषि विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक भी कुल फसल में किसान को लगभग 30 लाख से ज्यादा रुपए का नुकसान हुआ है। जानकारी देते हुए बीकेई मीडिया प्रभारी गुरलाल भंगू ने बताया कि गांव रत्ता थेहै के पीडि़त किसान तेलु सिंह, करनैल सिंह ने

इस मामले को किसान नेता लखविन्द्र सिंह औलख के सामने रखा तो किसान नेता लखविन्द्र सिंह औलख व मनदीप सिंह नथवान ने खेतों में आकर खराब फसल का जायजा लिया और सोशल मीडिया के माध्यम से ओम ट्रेडिंग कंपनी टोहाना के दवा विक्रेता

विपुल गोयल को चेतावनी दी है कि या तो समय रहते किसान के नुकसान की भरपाई करे, नहीं तो उसकी दुकान के सामने धरना लगाने को मजबूर होना पड़ेगा।

बीकेई अध्यक्ष लखविन्द्र सिंह औलख ने बताया कि इस पेस्टीसाइड से नुकसान का यह पहला मामला नहीं है। हरियाणा और पंजाब में कई जगह पर इस फंगीसाइड से फसल खराब होने की सूचना मिल रही हैं,

हमारे सिरसा में इस पेस्टीसाइड के कई मामले आए हैं, जिन्हें दवा विक्रेताओं ने किसानों की भरपाई करके किसानों को संतुष्ट किया है।

यह पहला ऐसा केस है, जिसमें दवा विक्रेता ने किसान की भरपाई करने की बजाय उल्टा किसान पर ही इकोनामिक सेल में शिकायत दर्ज करवा दी है।

औलख ने कहा कि पुलिस ने भी किसान की सुनने की बजाय नकली दवाई बेचने वाले के कहने पर किसानों पर राजीनामे का दबाव बनाया, इसलिए दवा विक्रेता के साथ-साथ इकनॉमिक सैल के अधिकारियों का भी संज्ञान लिया जाएगा।

इस मौके पर तरसेम सिंह, काका सिंह, मनप्रीत सिंह, मेवा सिंह, लखवीर सिंह, हाकम सिंह, मगर सिंह, गुरमीत सिंह, अंग्रेज सिंह कोटली, कुलतार सिंह, सर्वजीत सिंह, जगदीप गिल आदि किसान मौजूद थे।

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