ईडब्ल्यूएस में महिला के मायके की इनकम जोड़े बिना पोर्टल नहीं उठा रहा आवेदन
लोगों ने कहा पोर्टलबाजी में सुधार नहीं किया तो सरकार के खिलाफ करेंगे संघर्ष
सिरसा, 6 नवंबर। लोकसभा व विधानसभा चुनावों के दौरान हरियाणा में बीजेपी को पोर्टलबाजी से परेशान लोगों की नाराजगी का खूब सामना करना पड़ा था।
आखिर सीएम ने इससे संबंधित कामों को कैंप लगाकर लोगों की समस्याओं का समाधान करने का निर्देश दिया। पर पोर्टलबाजी में सुधार अब तक भी नहीं हुआ है। लोगों को ज्यों के त्यों ही धक्के खाने पड़ रहे हैं।
दरअसल मैनुअल सिस्टम खत्म करके हरियाणा सरकार ने कई काम सिर्फ पोर्टल के माध्यम से तय कर दिए। उदाहरण के तौर पर हरियाणा में ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन ही आवेदन किया जाता है।
इसमें महिलाओं को सबसे बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि महिला जिस घर में मैरीड है उस परिवार की और इसके साथ ही उसके मायके परिवार की इनकम जोड़ी जाती है।
दोनों परिवारों की इनकम ज्यादा होने पर उसका ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट नहीं बनता। जबकि संबंधित महिला को शादी के बाद मायके परिवार की इनकम से कोई सरोकार नहीं रहता।
उसके तमाम कागजों से भी मायके परिवार से नाम कट हो चुके होते हैं और सभी कागजात ससुराल परिवार में बने हैं। इससे हरियाणा की महिलाओं को ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
उसके उल्ट हरियाणा में अन्य राज्यों से विवाह के बाद हरियाणा में आई महिलाओं को लाभ मिल रहा है। क्योंकि हरियाणा के अलावा अन्य राज्यों में फैमिली आईडी नहीं है। तो उनके लिए ससुराल व मायके परिवार के दोनों की इनकम आड़े नहीं आती।
भारतीय जाट विकास मंच, भगत धन्ना जी जाग्रति मंच सहित कई सामाजिक संगठनों ने सरकार से मांग उठाई है कि पोर्टल पर ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने के लिए मायके परिवार की इनकम की शर्त हटाई जाए
ताकि महिलाओं के ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनने में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
इसके साथ ही मैनुअल प्रक्रिया को भी पोर्टल सिस्टम पूरी तरह से प्रभावशाली होने तक जारी रखा जाए। क्योंकि पोर्टल द्वारा आवेदन स्वीकार न करने पर आवेदक के पास कोई विकल्प नहीं होता।