मतदाता कांडा से भी नाराज और भाजपा से भी नाराज
सिरसा। हरियाणा विधानसभा चुनाव में मात्र 10 दिन शेष रह गए हैं। पर सिरसा विधानसभा से हलोपा के प्रत्याशी गोपाल कांडा का अब तक चुनाव उठा नहीं है।
स्थिति यह है कि 2019 का चुनाव जीतने के बाद हलका में दिखाई न देने व विकास कार्य न होने से इस बार सिरसा विधानसभा के मतदाता काफी नाराज है। उपर से जले पर नमक छिडक़ने समान काम भाजपा का समर्थन कर रहा है।
इस बार गोपाल कांडा की विधानसभा की चौखट तक पहुंचने की राह काफी कठिन होती जा रही है। गोपाल कांडा का चुनाव जीतने के बाद हलका से गायब होना व प्रतिद्वंद्वी गोकुल सेतिया का लगातार लोगों के बीच में रहना भी गोपाल के लिए खतरा बनता दिख रहा है। गोपाल कांडा ने इनेलो से गठबंधन किया वहां तक तो कुछ ठीक लग रहा था
पर बाद में भाजपा ने अपना प्रत्याशी मैदान से हटाकर गोपाल का समर्थन करने की जो बात कही है उसके बाद गांवों में लोग गोपाल के विरोध में लामबंद होते दिख रहे हैं,
क्योंकि इस बार ग्रामीण लोग खासकर किसानी से संबंधित लोग भाजपा को सबक सिखाने का मन बना चुके हैं। ऐसे में सीधा नुकसान गोपाल कांडा को होता दिख रहा है तो इस लाभ गोकुल को होता नजर आ रहा है।
अब देखना यह है कि गोपाल कांडा मतदाताओं की नाराजगी को कैसे दूर करते हैं और भाजपा के समर्थन का जो टैग उन पर लग गया है उसको कैसे साफ कर पाते हैं।
अगर भाजपा का साथ मिला तो किसानों की दूरी बन सकती है। यानी कि गोपाल के लिए भाजपा का समर्थन सांप के मुंह में छिबकली समान हो गई है न तो निगल पा रहे हैं और न ही उगल पा रहे हैं।
शहर में भी लोग नाराज दिख रहे हैं। प्रॉपर्टी आईडी, फैमिली आई सहित अनेक ऐसे भाजपा सरकार ने लोगों के लिए पचड़े खड़े किए जिनके चलते लोग भाजपा से नाराज है।
यह नाराजगी गोपाल कांडा पर इस लिए आ गई क्योंकि भाजपा की सरकार में गोपाल कांडा का समर्थन भाजपा को रहा।