विभिन्न दलों के बैनर तले देवीलाल ने की राजनीति

चौधरी देवीलाल का जन्म 25 सितम्बर 1914 को हुआ। वे विद्यार्थी जीवन में स्वतंत्रता आंदोलन के वक्त सक्रिय हो गए थे। साल 1938 में उन्होंने अपने भाई साहिबराम को सिरसा उपचुनाव से जीत दिलवाई।

संयुक्त पंजाब के समय चौधरी देवीलाल ने पहला विधानसभा चुनाव सिरसा से लड़ा और विधायक चुने गए। वे प्रताप ङ्क्षसह कैरों सरकार में संसदीय सचिव रहे और 1956 से लेकर 1958 तक पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे।

चौ. देवीलाल 1977 से लेकर 1979 और 1987 से 1989 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। वे दो बार देश के उपप्रधानमंत्री भी बने। साल 1952 में वे संयुक्त पंजाब के समय 1952 में सिरसा से जबकि 1962 में डबवाली से विधायक चुने गए।

वे 1958 में सिरसा, 1974 में रोड़ी और 1985 में से महम का उपचुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे। इसके अलावा 1977 में भट्टू, 1982 और 1987 में महम से विधायक रहे। वे तीन बार लोकसभा के सदस्य रहे।

साल 1989 में उन्होंने राजस्थान के सीकर, पंजाब के फिरोजपुर और हरियाणा के रोहतक से संसदीय चुनाव लड़ा और रोहतक व सीकर से चुनाव जीता। गौरतलब है कि काफी समय तक कांग्रेस की सियासत करने के बाद देवीलाल ने कांग्रेस से किनारा कर लिया।

जब साल 1968 में चौधरी बंसीलाल को मुख्यमंत्री बनाया गया, तभी से देवीलाल कांग्रेस में असहज महसूस कर रहे थे और 1970 में चौ. देवीलाल ने कांग्रेस छोड़ दी। पहले एक मंच बनाया।

उसके बाद देवीलाल जनता दल के साथ जुड़ गए। जनता दल ने 1977 के चुनाव में 90 में से 75 सीटों पर जीत दर्ज की। चौधरी देवीलाल पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। 1982 में चौ. देवीलाल ने चौधरी चरण ङ्क्षसह की लोकदल को चुना और 1982 और 1987 के चुनाव लोकदल के बैनर तले लड़े।

1991 का चुनाव जनता पार्टी से लड़ा तो 1996 में समता पार्टी से अपने उम्मीदवार उतारे और बाद में उन्होंने हरियाणा राष्ट्रीय लोकदल भी बनाया।


अप्रैल 1998 में चौटाला ने बनाई थी इनैलो
1977 से लेकर 21 सालों तक चौ. देवीलाल ने विभिन्न सियासी दलों के बैनर तले चुनाव लड़े तो बाद में 1998 में उनके बेटे चौ. ओमप्रकाश चौटाला ने इनैलो का गठन किया। साल 1999 से लेकर 2005 तक इनैलो सत्ता में रही।

2000 के चुनाव में पार्टी ने 47 तो 2005 के चुनाव में 9 सीटों पर जीत दर्ज की। 2009 में 31 सीटों पर जीत मिली तो 2014 में 19 सीटें मिलीं। 2019 के चुनाव में इनैलो को महज एक ही सीट मिली और उसका मत प्रतिशत भी 2.44 रह गया।

संसदीय चुनावों में अनेक मौकों पर देवीलाल के दलों ने अच्छा प्रदर्शन किया। साल 1977 में देवीलाल ने भारतीय लोकदल के बैनर तले सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की। 1980 में जनता पार्टी को 5 सीटों पर जीत मिली। 1984 में देवीलाल ने लोकदल को चुना। 19.1 प्रतिशत वोट मिले। 1989 के चुनाव में जनता दल बैनर था।

जनता दल ने 38.03 प्रतिशत मत लिए। 1991 के चुनाव में जनता दल को 12.49 फीसदी वोट मिले तो इसके बाद 1996 में हुए चुनाव में देवीलाल ने समता पार्टी से प्रत्याशी मैदान में उतारे। 19 प्रतिशत वोट मिले। साल 1998 में देवीलाल ने हरियाणा राष्ट्रीय लोकदल बनाया और 25.9 प्रतिशत मतों के साथ 4 सीटों पर जीत हासिल की।

1999 के लोकसभा चुनाव में कारगिल युद्ध का बड़ा असर था। भाजपा और इनैलो गठबंधन को 1999 के चुनाव में सभी दस सीटों पर जीत मिली। 2004 के चुनाव में पार्टी को 22.43 प्रतिशत वोट मिले पर एक भी सीट पर जीत नहीं सकी।

2009 के लोकसभा चुनाव में भी इनैलो का खाता नहीं खुला तो 2014 में इनैलो ने हिसार और सिरसा दो सीटों से जीत दर्ज की। 2019 के संसदीय चुनाव में इनैलो को 1.89 प्रतिशत वोट ही मिले और कोई भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई।

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