टिकट न मिलने से नाराज बना रहे भीतरघात की रणनीति
सिरसा। हरियाणा विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस पार्टी द्वारा जैसे ही प्रत्याशियों की फाइनल सूची जारी की तो टिकट न मिलने से नाराज नेताओं में विद्रोह के स्वर फुट पड़े।
कांग्रेस को जिस बात का डर था वही बात बन गई है। अब नेताओं की नाराजगी कांग्रेस को कितना नुकसान पहुंचा सकती है यह तो आने वाला वक्त बताएगा पर टिकटें जारी होने के बाद प्रत्याशियों के नाम जान कर सभी हैरान रह गए। सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा सिरसा की किसी सीट पर अपने खेमे के नेता को प्रत्याशी बनाने में नाकाम रही है।
दरअसल हरियाणा विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस की टिकटों के लिए इस बार काफी मारामारी रही। टिकटार्थियों को उम्मीद थी कि कम से कम सिरसा लोकसभा के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटों पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री कुमारी सैलजा की ही चलेगी।
इसी लिए नेता लोग कुमारी सैलजा की हाजिरी भर रहे थे और उन्हें लोकसभा चुनावों में भारी मतों के साथ विजय दिलाई थी। पर टिकटों के बंटवारे में कुमारी सैलजा के खेमे की बजाय हुड्डा खेमे के प्रत्याशियों को मैदान में उतार देने से टिकटार्थियों को झटका लगा है।
ऐसे में वर्षों से कांग्रेस के काम करने वाले नेताओं का मनोबल टूटना स्वाभाविक है। काफी टिकटार्थी तो कांग्रेस के प्रत्याशियों का खुलकर विरोध करने के मूड में दिख रहे हैं तो कई नेता चुप करके घर बैठ जाएंगे जिसका नुकसान टिकट लेने में कामयाब रहे प्रत्याशी को होगा और विरोधियों को बैठे बिठाए लाभ हो जाएगा।
फिलहाल टिकट कटने से नाराज नेता यह रणनीति बना रहे हैं कि अब आगे क्या करना है। खास कर ऐसी स्थिति सिरसा, रानियां व ऐलनाबाद के अलावा हरियाणा के कई विधानसभा हलकों में देखने को मिल रही है।