सिरसा। हरियाणा विधानसभा चुनाव रोचक हो रहे हैं। रानियां विधानसभा से चौ. देवीलाल परिवार के सदस्य आमने-सामने डट गए हैं।
हरियाणा सरकार में मंत्री रहे रणजीत सिंह रिश्ते में लगते अपने पोते इनेलो के अर्जुन चौटाला को पटखनी देने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में कूदे हैं तो अर्जुन अपने दादा को रण में पराजित करने के लिए कमर कस चुके हैं।
चौ. देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह 2019 में रानियां से निर्दलीय चुनाव जीते थे और बीजेपी का समर्थन कर मंत्री बने थे। पर अब बीजेपी ने रणजीत सिंह को रानियां से विधानसभा के लिए टिकट देने की बजाय शिशपाल कंबोज को मैदान में उतार दिया।
इसके बाद रणजीत सिंह ने कांग्रेस की टिकट के लिए भी प्रयास किए लेकिन कांग्रेस में भी उनकी दाल नहीं गली तो वे निर्दलीय ही मैदान में कूद गए।
अब उनके सामने पहले से मैदान में उतरे इनेलो के अर्जुन चौटाला (चौ. देवीलाल के परपोते) से सामना हो गया है। कांग्रेस ने समाचार लिखे जाने तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया था जबकि आम आदमी
पार्टी ने यहां से हैप्पी सिंह को प्रत्याशी बनाया है। लोगों में चल रही चर्चाओं की मानें तो रानियां से दादा पर पोता भारी पड़ सकता है। क्योंकि दादा के प्रति लोगों की खासी नाराजगी सामने आ रही है।
दूसरी ओर से इनेलो की तरफ से चौटाला परिवार से प्रत्याशी आने से कार्यकर्ताओं में उत्साह भरा हुआ है। वैसे भी इनेलो को नुकसान पहुंचाने वाला वातावरण अब तक नजर नहीं आ रहा।
आम आदमी पार्टी सबसे अधिक कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकती है जबकि आप दूसरा सबसे बड़ा नुकसान बीजेपी को पहुंचा सकती है
क्योंकि बीजेपी की तरफ से कंबोज बिरादरी के प्रत्याशी को मैदान में उतारा गया है और आप ने भी कंबोज बिरादरी के प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया।
रानियां में कंबोज बिरादरी के करीब 25 हजार वोट हैं जो दो धड़ों में बंट जाएंगे जिसका सीधा फायदा इनेलो को मिल सकता है।
भले ही सत्ता में रहते हुए रणजीत सिंह ने क्षेत्र में काफी विकास कार्य करवाएं हों पर पांच साल तक लगातार लोगों की नाराजगी मंत्री के प्रति जारी रही।
अब चुनावों में नाराजगी का मंत्री जी को काफी नुकसान होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
इसी प्रकार रणजीत सिंह जेजेपी ने जेजेपी का सहारा लिया है। जेजेपी ने रणजीत सिंह का समर्थन करते हुए अपनी पार्टी का प्रत्याशी रानियां से मैदान में न उतारने का फैसला लिया है पर रानियां में जेजेपी का जो जनाधार है वो किसी से छिपा नहीं।
पूर्व मंत्री स्वर्गीय जगदीश नेहरा के बेटे संदीप नेहरा को कांग्रेस मैदान में उतारती है तो रानियां से कांग्रेस व इनेलो के बीच सीधी टक्कर की संभावनाएं बन जाएंगी।
क्योंकि इस क्षेत्र के गांवों में पूर्व मंत्री जगदीश नेहरा का अच्छा खासा रसूख रहा है। साथ ही इस बार कांग्रेस की अच्छी लहर का लाभ भी संदीप नेहरा को मिल सकता है।