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पैसे वाले नेताजी यूट्यूबर के सहारे

3 सितंबर 2024
पैसे के दम पर चुनाव जीतने वाले नेताजी ने इस बार भी ताल ठोक दी है। नेताजी टिकट के मोहताज तो है नहीं, खुद ही सर्वो सर्वा हैं और चुनावी मैनेजमेंट भी खूब जानते हैं।

सोशल मीडिया का दौर  है। समय की नजाकत को देखते हुए नेता जी ने चुनाव अभियान शुरू करने से पहले कुछ यूट्यूबर को महल में चाय पर बुला लिया।

दो बार चुनाव जीत चुके नेताजी मंजे हुए खिलाड़ी है। किससे कैसे काम लेना है बेखुबी जानते है।  चाय पर चर्चा के साथ-साथ यूट्यूबर को अपनी शर्ते भी गिनवा दी।

केवल माहौल बनाना ही नहीं अन्य शर्तो को भी मानना होगा और सिरसा जिला के पांचों हल्के देखने होगें। एकमुश्त नहीं तीन किस्तों  में सब कुछ मैनेज हो गया।

पहली किस्त तत्काल जारी हो गई और अगली किस्त के लिए दस दिन का समय तय हो गया। अंतिम किस्त मतदान के पांच दिन पहले जारी करने का वचन भी दे दिया।

नेता जी की मैनेजमैंट लाजवाब है। तत्काल असर भी देखने को मिला है। सोशल मीडिया पर खूब वाहवाही हो रही है।
नेताजी ने सस्ते में व्यवस्था तो अच्छी बनाई है तत्काल लाभ मिल भी सकता है,

मगर स्थापित मीडिया की अनदेखी कर जोखिम भी बढ़ा लिया है। असल में टीवी पत्रकार और अखबारी लाल यूट्यूबर को पत्रकार मानते ही नहीं हैं।  खुद की अनदेखी खबरचियों को रास नहीं आ रही।

मौके की ताक में नजर गढ़ाए बैठे हैं। खास बात यह है कि बहुतय यूट्यूबर पर भी नेताजी की चाय से वंचित रह गए हैं, हालांकि नेताजी ने इशारों ही इशारों में आश्वासन दिया है कि हर किसी का मान-सम्मान होगा,

मगर नाक का सवाल है कि पहले हम क्यों नहीं। अब यह तो समय ही बताएगा की नेताजी की मैनेजमेंट कितनी सफल रही।
नेताजी की इच्छा हमेशा सत्ता पक्ष के साथ रहने की होती है।

सतापक्ष से खूब पींग बढ़ रही है, मगर रास्ता दूसरा भी खुला छोड रखा है। अगर इधर दाल नहीं गली तो दूसरे दल से सैटिंग बिठाने की जुगत भी चल रही है। नेता जी कुछ ज्यादा ही महत्वाकांक्षी हो गए है।

एक सीट से नहीं दो-तीन पर हाथ मारने का अरमान पाले हुए है। सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था, मगर एक बड़े घराने के बड़े चौधरी ने सब कुछ गड़बड़ कर दिया।

एक साथ कई हल्कों में चुनावी बिगुल बजाने की मंशा धराशाही हो गई, फिलहाल एक हलके तक ही सीमित नजर आ रहे है।
साफ बात है कि नेता जी चुनाव तो लड़ेंगे ही। साम दाम सब तरह के तरीके अपनायेगें। चाहे पक्ष का साथ मिले चाहे विपक्ष का।

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