बीजेपी व जेजेपी मुकाबले से बाहर
सिरसा। हरियाणा में विधानसभा चुनावों की रणभेरी बज चुकी है। सभी हलकों में सभी पार्टियों के संभावित प्रत्याशियों ने फील्ड में जाकर मतदाताओं की जय-जयकार करनी शुरू कर दी है।
हरियाणा की अंतिम छोर का राजस्थान सीमा से सटा ऐलनाबाद हलका हर चुनाव में खास हो जाता है। कारण है यहां पर चौ. देवीलाल परिवार का अब भी दबदबा बरकरार है।
चाहे कांग्रेस की सरकार में सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा हो या फिर बीजेपी की सरकार में सीएम मनोहर लाल खटर तमाम ताकत लगाने के बाद भी इनेलो के इस किले को भेद नहीं पाए।
इस बार भी ऐलनाबाद में चुनावी दंगल रोचक रहेगा। इनेलो की तरफ से अभय चौटाला मैदान में होंगे। सामने कांग्रेस की तरफ से कौन प्रत्याशी होगा इसको लेकर अभी कांग्रेस ने कोई संकेत नहीं दिए है।
खैर जो भी इस बार यहां इनेलो व कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर रहने के आसार बन गए है। चार माह पूर्व हुए लोकसभा चुनावों में यहां से कांग्रेस की प्रत्याशी कुमारी सैलजा को अच्छी खासी बढ़त मिली थी।
जिससे कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम कर गई। अब सवाल यह उठता है कि क्या जिन मतदाताओं ने कांग्रेस के निशान पर बटन दबाकर बीजेपी को हराया था
अब वे हाथ कांग्रेस के निशान पर दोबारा जाने से गुरेज करेंगे या फिर वापिस इनेलो की तरफ आ जाएंगे? जो भी हो पर सभी वोटर वापिस नहीं लौटते।
इसके अलावा इस बार कांग्रेस की सरकार बनने की संभावनाएं ज्यादा लग रही है। लोग सरकार में जाकर काम करवाने का लालच भी कांग्रेस के साथ बने रहने के लिए मजबूर हो सकते है।
इनेलो को सत्ता से बाहर हुए 20 साल हो गए है और इस बार भी हरियाणा में इनेलो की सरकार बनने के आसार नहीं दिखते। इस लिए भी मतदाताओं का कांगे्रेस की तरफ झुकाव बढ़ सकता है।
कुल मिला कर राजनीति गुणा-भाग कांग्रेस के पक्ष में बैठ रहा है और गढ़ की बात करें तो इनेलो का मजबूत गढ़ है ऐलनाबाद।
इस लिए कांग्रेस व इनेलो के बीच कड़ा घमासान होगा। बात अगर बीजेपी की करें तो ऐलनाबाद से शायद किसी लाइन में नजर नहीं आ रही। यही स्थिति यहां से जेजेपी की है।