कांग्रेस के अमित सिहाग, जजपा से दिग्विजय चौटाला और भाजपा के आदित्य देवीलाल का प्रचार जोरों पर
डबवाली । विधानसभा चुनावों को लेकर सभी संभावित कैंडिडेटों ने अपने चुनाव प्रचार का अभियान शुरू कर दिया है। कांग्रेस पार्टी के मौजूदा विधायक अमित सिहाग कई दिनों से अपने प्रचार में जुटे हुए हैं।
उनके पिता एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. केवी सिंह ने भी डबवाली हलका में अपने पुत्र के लिए प्रचार शुरू किया हुआ है।
अमित सिहाग की कांग्रेस से टिकट लगभग तय है। ऐसे में उन्होंने बिना किसी संकोच के प्रचार अभियान शुरू कर दिया।
इसी कड़ी में बीते दिवस डबवाली में कार्यालय का उद्घाटन भी किया है। भले ही इस बार कांग्रेस की लहर अच्छी है इस भरोसे भी कांग्रेस नेता ओवर कॉन्फिडेंस में हों पर डबवाली में मुकाबला चकौना हो सकता है।
लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को अच्छी लीड इस हलका से मिली थी। पर तब आम आदमी पार्टी कांग्रेस के साथ थी।
डबवाली हलका में आम आदमी पार्टी को हलके में नहीं लिया जा सकता।
दरअसल डबवाली हलका से सभी पार्टियों के कैंडिडेट घोषित होने के बाद समीकरण बदल सकते हैं। क्योंकि इस सीट पर चौ. देवीलाल परिवार के कई कैंडिडेट मैदान में आ सकते है।
ऐसे में कांग्रेस को फायदा होगा या नुकसान यह तो आने वाला वक्त बताएगा। पर कांग्रेस की जीत डिपेंड इसी बात पर करेगी कि इनेलो व भाजपा किस-किस कैंडिडेट को मैदान में उतारते है।
कैंडिडेटों का सही चयन न होने पर ये दोनों ही पार्टियां वोट कटवा की स्थिति में आ सकती हैं और अगर कैंडिडेट जनता की तासीर के अनुसार मैदान में आ गए तो माहौल अलग हो जाएगा।
जो भी हो फिलहाल कांग्रेस के अमित सिहाग बेहतर स्थिति में नजर आ रहे हैं।
इसी प्रकार जेजेपी के दिग्विजय चौटाला मैदान में उतर चुके हैं। उन्होंने अपना प्रचार शुरू कर दिया है। वे कई मुद्दों को लेकर लोगों के बीच जा रहे हैं जिसमें नशा अहम है।
इसके अलावा वे गांवों लाइब्रेरियां खोल रहे हैं और मुढे बांट रहे हैं। जो चर्चा का विषय बना हुआ है। अब चौके-छक्के मार रहे हैं अगर वे कुछ माह पहले हलके में आ जाते तो माहौल उनके पक्ष में और भी बेहतर हो सकता था।
दिग्विजय की माता नैना चौटाला व पिता अजय सिंह चौटाला डबवाली से विधायक रह चुके हैं, जिसका लाभ उनको मिल सकता है।
अपने ग्रह हलके में दिग्विजय को कमजोर आंकना भी दूसरी पार्टियों के लिए भूल साबित हो सकती है।
भाजपा की तरफ से 2019 में चुनाव लड़ चुके आदित्य देवीलाल कई दिनों से डोर टू डोर अभियान चलाए हुए हैं।
उनकी व्यक्तिगत स्थिति अच्छी है पर भाजपा से किसानों की नाराजगी का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ सकता है। वे लगातार पांच हलके में सक्रिय रहे जिस का लाभ उनको मिल सकता है।
उन्होंने सच को बोलने की हिम्मत दिखाते हुए कई दिन पहले पार्टी के खिलाफ तेवर भी दिखाए थे। जिससे लोगों के बीच उनकी छवि सुधरी है।
लेकिन भाजपा की टिकट पर उनकी नैया पार होना काफी मुश्किल प्रतीत हो रहा है। क्योंकि डबवाली हलका में किसान आंदोलन का बहुत बड़ा असर है।
आम आदमी पार्टी इस बार अपने बलबूते अकेले ही चुनाव मैदान में आ सकती है। अगर आम आदमी पार्टी अकेले चुनाव लड़ती है तो डबवाली से कुलदीप गदराना के मैदान में आने की प्रबल संभावनाएं है।
कुलदीप गदराना ने कांग्रेस में रहते हुए भी और उसके बाद आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद भी हलका डबवाली में निरंतर सक्रियता दिखाई है।
खासकर सिख व किसान वर्ग में उनकी पैठ को कमजोर नहीं आंका जा सकता । वे कांग्रेस के लिए सबसे ज्यादा नुकसान कारी साबित हो सकते है।
चुनाव परिणाम को बदलने में कुलदीप गदराना की भूमिका अहम हो सकती है। बात अगर इनेलो की करें तो अभी स्थिति इस लिए स्पष्ट नहीं है कि कैंडिडेट कौन मैदान में आएगा।
इनेलो की भूमिका इस हलका में बड़ी रहेगी। क्योंकि इनेलो के गढ के रूप में डबवाली को माना जाता रहा है। फिलहाल विनोद अरोड़ा व संदीप चौधरी के नाम की चर्चा चल रही है।
अगर इन दोनों में से पार्टी किसी को मैदान में उतारती है तो शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में इनेलो सेंधमारी कर सकती है।
अगर चौटाला परिवार से कोई कैंडिडेट मैदान में आता है तो स्थिति अगल हो सकती है। इस प्रकार पांचों ही पार्टियां यहां से मुकाबले को रोचक बनाएंगी।
इसलिए कहा जा सकता है कि इस बार डबवाली की सीट हॉट सीट बनेगी। ऐसी स्थिति में कौन बाजी मार जाए इसका अनुमान लगाना भी आसान नहीं है।