बोले- पहले की तरह करते रहेंगे सेवा और सिमरन
एक अगस्त से 9 अगस्त तक विवादों के बीच रहा गद्दी का मामला
सिरसा। मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम जगमालवाली के गद्दीनशीन संत वकील साहब के चोला छोडऩे के बाद डेरा की गद्दी को लेकर एक अगस्त को ही विवाद शुरू हो गया था।
उसके बाद दो पक्षों में गद्दी को लेकर विवाद आगे बढऩे लगा। पर कुछ ही दिनों में मामला शांत होता प्रतीत हो रहा है। बीती सात अगस्त को महात्मा वीरेंद्र ने कहा था कि जब जांच नहीं होती वे जिम्मेवारी नहीं लेंगे।
पर दो दिन बाद ही उन्होंने गद्दी ले ली। जो भी हो डेरा की गद्दी का मामला लोगों में चर्चा का विषय रहा है। बीते दिनों की बात करें तो इस प्रकार रहा डेरा का मामला।
मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम जगमालवाली में डेरा प्रबंधक कमेटी कमेटी व ग्रिविएंस कमेटी की बैठक गत शुक्रवार यानी 9 अगस्त को आयोजित हुई ।
बैठक में पूजनीय महाराज बहादुर चंद वकील साहब के निधन के बाद डेरे की गद्दी सौंपने की परम्परा का पालन करने पर विचार मंथन हुआ।
पधादिकारियों व् ट्रस्टियों ने निर्णय लिया कि पूज्य महाराज के हुक्म की पालना के लिए महाराज जी द्वारा की गयी वसीयत अनुसार महात्मा बीरेंदर को गद्दी सौंपी जाए। डेरा की परम्परा के अनुसार महात्मा बीरेंद्र को गद्दी सौंप दी गयी ।
बुधवार यानी गत 7 अगस्त को : हर जांच के लिए डेरा तैयार, जांच पूर्ण होने तक नहीं संभालेंगे गद्दी और ना ही करेंगे सत्संग: महात्मा वीरेंद्र
महात्मा वीरेंद्र ने मीडिया से रूबरू होकर पूरे मामले पर पहली बार रखी बात
पहले की तरह सेवा करता रहूंगा: वीरेंद्र
बोले: गोरीवाला के डेरे में रची गई साजिश, पूजनीय महाराज के गद्दी पर बैठने के वक्त भी इन्हीं लोगों ने किया था विरोध