जब तक हक ना मिले, पीछे नहीं हटना है: संतोष बैनीवाल
सिरसा। अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे एनएचएम कर्मचारियों को मंगलवार को महिला कांग्रेस प्रदेश महासचिव व सरपंच एसोसिएशन की प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष बैनीवाल ने सरपंच एसोसिएशन की ओर से पूर्ण समर्थन दिया।
बैनीवाल ने कहा कि वो सैल्यूट करती है उन माताओं को, जिन्होंने ऐसे क्रांतिकारी बेटों को जन्म दिया, जो अपने तथा अपने साथियों के हकों के लिए मौत के मुंह में बैठे है।
उन्होंने कहा कि इस तानाशाही सरकार को दस साल हो चुके हंै। इस सरकार ने ऐसा कोई वर्ग नहीं छोड़ा जो धरने पर न बैठा हो। पहले किसानों, फिर कर्मचारियों और फिर सरपंचों की बारी आई।
सत्त्ता में आने के बाद सरकार तीन काले कानून लेकर आई, जिन्हें रद्द करवाने के लिए किसानों को आंदोलन करना पड़ा और इस आंदोलन में 750 से अधिक किसानों की बलि देनी पड़ी।
इसके बाद सरकार ने तीनों काले कानून वापस लिए। इतना ही नहीं पहले तो पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। जब 50 प्रतिशत आरक्षण मिलने के बाद महिलाएं सरपंच बनी और अपने हक मांगने के लिए सरकार के पास गई तो उन पर लाठियां भांजी गई। पंचकूला में सरपंचों पर जमकर अत्याचार किए गए।
बैनीवाल ने कहा कि इतना सब कुछ होने के बाद भी सरपंचों ने हार नहीं मानी और नए सीएम नायब सिंह सैनी को झुकाने का काम किया। यही नहीं पैंतालिया में बीमा क्लेम की बात आई तब भी चार युवा किसान पानी की टंकी पर चढ़े थे और सरपंच एसोसिएशन ने किसानों का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया था।
750 करोड़ रुपए का मुआवजा किसानों के खातों में आने के बाद ही किसानों ने आंदोलन समाप्त किया था। उन्होंने संघर्षरत कर्मचारियों को आश्वस्त किया कि उनकी तरफ से कर्मचारियों को हर संभव सहयोग दिया जाएगा।
बशर्ते आपने अपने कदम पीछे नहीं खींचने हंै। इस आंदोलन को आखिरी अंजाम तक लेकर जाना है। आपकी मांगें जायज हंै।
कर्मचारियों पर काम का दबाव है, जबकि वेतन बहुत कम है, नियमितीकरण जायज मांग है, जब तक निर्दयी सरकार के नाक में दम नहीं करोगे तब तक सरकार झुकने वाली नहीं है। हक मिलने तक डटे रहना है।