सिरसा। आशा वर्कर्स सहित देश की महिलाओं के साथ की गई वायदाखिलाफी सरकार को ले डूबेगी। नारी सम्मान का नारा देने वाली सरकार में नारी अपने हकों की आवाज के लिए सडक़ों पर घूम रही है,
लेकिन उसकी पुकार सुनने वाला कोई नहीं है। उक्त बातें जिला पार्षद कर्मजीत कौर ने आशा वर्कर्स की मांगों के समर्थन में धरने को संबोधित करते हुए कही।
कर्मजीत कौर ने कहा कि आज सिर्फ हरियाणा ही नहीं, संपूर्ण भारत की नारी न्याय के लिए सडक़ों पर भटक रही है। सरकार द्वारा झूठे वादे कर जो वोट महिलाओं से बटोरे गए हैं,
उसको आगामी विधानसभा चुनावों में महिलाएं वापिस खींचने का काम करेगी। अगर सरकार समय रहते नहीं संभली तो इसका खामियाजा उसे जरूर भुगतना पड़ेगा।
जिला पार्षद ने कहा कि शायद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूल गए हैं की महिलाओं ने बड़ी उम्मीदों के साथ उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बिठाया था। 29 जुलाई को 33 प्रतिशत आरक्षण को जमीनी स्तर पर लेने के लिए संपूर्ण भारत की महिलाओं ने दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया था,
जिसमें उन्होंने हलका कालांवाली से इस आंदोलन का हिस्सा बनकर महिलाओं की आवाज को बुलंद किया। उन्होंने कहा कि आशा यूनियन की बहनें अपनी मांगों को लेकर लगातार संघर्ष कर रही है,
लेकिन इस निर्दयी सरकार पर कोई असर नहीं हो रहा है। कर्मजीत कौर ने कहा कि मौजूदा सरकार हर कदम पर महिलाओं की अग्नि परीक्षा लेने पर उतारू है। नारी न्याय के लिए सडक़ों पर मारी-मारी फिर रही है।
उन्होंने कहा कि समय रहते सरकार नहीं संभली तो हरियाणा में सरकार बनाने का सपना, केवल और केवल सपना ही रह जायेगा।
बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने संविधान में महिलाओं को बराबरी के अधिकार दिए थे, जो शायद मौजूदा सरकार को हजम नहीं हो रहे।
अगर महिलाओं के अधिकार सरकार देने में नाकाम रही तो सरकार को हर महिला वोट की चोट से जवाब देना बखूबी जानती है।