डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत ने देश-दुनिया में श्रद्धा, उल्लास और मानवता भलाई कार्य कर मनाया गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व

पूर्णिमा | डेरा सच्चा सौदा | Khabrain Hindustan | गुरु पूर्णिमा | संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां |
  • पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की ओर से 115 जरूरतमंद बच्चों को कपड़े, किताबें-कॉपियां व स्टेशनरी बांटकर की गई मदद

  • — 15 अति जरूरतमंद बच्चों की भरी स्कूल फीस

  • सिरसा। गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व रविवार को देश-दुनिया में श्रद्धा, उल्लास और मानवता भलाई के कार्य कर मनाया गया।
  • सर्वप्रथम डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत ने प्रभु भक्ति यानी नाम का सुमिरन कर और अरदास बोलकर पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को गुरु पूर्णिमा पर्व की बधाई दी
  • और पूज्य गुरु जी के सेहत सलामती की प्रार्थना करते हुए इंसानियत व रूहानियत के मार्ग पर दृढ़ता से चलने का संकल्प लिया। वहीं गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां स्वयं हर बार की तरह इस बार भी जरूरतमंदों की मदद कर साध-संगत के लिए प्रेरणास्रोत बने।
  • पूज्य गुरू जी की ओर से 115 जरूरतमंद बच्चों को कपड़े, 115 ही अति जरूरतमंद बच्चों को किताबें-कॉपियां व स्टेशनरी तथा 15 अति जरूरतमंद बच्चों की स्कूल फीस भरी गई।
  • इसके अलावा ठंडे-मीठे पानी की छबील भी लगाई गई। उधर इस पावन अवसर पर साध-संगत की ओर से अपने-अपने घरों व प्रतिष्ठानों पर दीपक भी जलाए गए।
  • साथ में गुरु पूर्णिमा के मौके पर रविवार को हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित देश के अलग-अलग राज्यों व विदेशों की डेरा सच्चा सौदा से जुड़ी साध-संगत की ओर से ठंडे-मीठे पानी की छबील लगाई गई।
  • वहीं आश्रम की ओर से चलाए जा रहे 163 मानवता भलाई कार्यों में शामिल क्लॉथ बैंक मुहिम के तहत जरूरतमंद बच्चों को कपड़े बांटे गए।
  • साथ में ऐसे जरूरतमंद बच्चे जो आर्थिक रूप से कमजोर है और पढ़ना चाहते है, उनकी फीस भरकर और किताबें, कॉपियां व स्टेशनरी देकर मदद की गई।
  • सेवादारों ने कहा कि पूज्य गुरु जी ने उन्हें बिना किसी स्वार्थ के ईमानदारी से जीवन यापन और सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी है।

  • बता दें कि डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की शिक्षाओं से प्रेरित होकर आज करोड़ों लोग नशे सहित अन्य सामाजिक बुराइयों को छोड़कर सुखमय जीवन व्यतीत कर रहे है तथा समाज उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं।

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