दिनेश घनघस , आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने प्रेसवार्ता कर नशे के मुद्दे पर हरियाणा सरकार को घेरा। इससे पूर्व उन्होंने आम आदमी पार्टी सिरसा जिला के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की।
जिसमें पदाधिकारियों से जनसंवाद कार्यक्रम, विधानसभा चुनाव व आगामी रणनीतियों के बारे में विस्तृत चर्चा की। इस मौके पर कई लोगों ने पार्टी की जनहितकारी नीतियों से प्रभावित होकर आम आदमी पार्टी ज्वाइन की।
उन्होंने बीजेपी सरकार को घेरते हुए कहा आंकड़े बताते हैं कि बीजेपी ने हरियाणा की तस्वीर बहुत डरावनी बना दी है। प्रदेश के कुल 22 जिलों में से 16 जिले बुरी तरह नशे की चपेट में हैं, जिसमें सिरसा पहले नंबर पर है।
नशे के कारण हो रही मौत के मामले थम नहीं रहे हैं। नशे की ओवरडोज के कारण एक के बाद एक युवक मौत को गले लगाता जा रहा है। पूरा शहर नशे की गिरफ्त में है और गांव तक नशा पहुंच चुका है।
कहीं सिंथेटिक नशा तो कहीं चिट्टे का नशा पहुंच चुका है। हरियाणा सरकार नशा रोकने में पूरी तरह से फेल हुई है। बीजेपी सरकार न तो नशे की चेन को तोड़ पा रही है, न ही सरकार ने युवाओं का नशा छुड़वाने के लिए और न ही नौकरी के लिए कोई ठोस इंतजाम किया है।
हरियाणा में एनसीबी और नशा मुक्ति केंद्र में सभी पद खाली पड़े हैं। जहां पर किसी का सही से इलाज नहीं होता। इसकी वजह से आज पूरे हरियाणा में हेरोइन, चर्स, सुल्फा, गांजा और अफीम खुलेआम बिक रहा है।
जिस पर कोई रोक टोक नहीं है, ऐसा लगता है मानो ये सब पुलिस के संरक्षण में हो रहा है। इसके अलावा हरियाणा में अवैध रुप से दवाइयां और नकली शराब खुलेआम बिक रही हैं। गांव में एकांत जगह पर इंजेक्शन की सीरिंज पड़ी हुई मिलती हैं।
अब हरियाणा में युवकों के साथ साथ नशे करने वाली महिलाओं की तादात भी बढ़ने लगी है। 2021 में नशा करने वाले लगभग 95,863 लोग अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे थे, जिसमें से 28,283 महिलाएं थी। 2022-23 और 2024 में इनकी संख्या में लगातार 100% की बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने कहा कि एनसीआरबी के मुताबिक 2014 से अब तक ओवरडोज की वजह से 500 से ज्यादा मौत हो चुकी हैं। जबकि मरने वालों में 18 से 30 साल के बीच की उम्र के लोग हैं।
हरियाणा की जड़ों में नशा फैलता जा रहा है, इसकी जिम्मेदार सीधे तौर पर बीजेपी सरकार है। बीजेपी सरकार जिस तरीके से नशा तस्करों पर शिकंजा कसने में फेल हुई है, ये अपने आप में डरावनी स्थिति को पैदा करता है।
सरकार केवल फर्जी आंकड़े रखती है जिसकी जमीन पर कोई सच्चाई नहीं है। ऐनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा में नशे के कारण आत्महत्या करने वाले लोगों की संख्या देश में सबसे ज्यादा है।
बीजेपी सरकार प्रदेश के युवाओं को खत्म करने पर तुली है। बीजेपी सरकार न तो युवाओं को रोजगार दे पा रही है और न ही उद्योग लगा पा रही है। युवा डिप्रेशन में जा रहा है और नशे का सहारा ले रहा है।
आज हमें पूरे प्रदेश के युवाओं को बचाने की जरूरत है। प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार आते ही नशे पर चौतरफा वार करेंगे, नशे की तस्करी और तस्करों को बंद करेंगे। जिन युवाओं को नशे की लत लग गई है उनके लिए इलाज का और रोजगार का प्रबंध करेंगे।
उन्होंने कहा कि सिरसा में नशा बेचने वालों पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। शिव चौक पर स्थानीय लोगों ने स्टिंग किया और नशा बेचने वालों को पकड़ा।
यदि पुलिस कार्रवाई करती तो स्थानीय लोगों को खुद स्टिंग नहीं करना पड़ता। सिरसा में नशे के साथ साथ मेडिकल सुविधाओं की भी भारी कमी है। सिरसा में पीने के लिए नहरी पानी की व्यवस्था नहीं है, इसलिए जमीन से पानी लेना पड़ता है।
जिसकी वजह से पूरे क्षेत्र में कैंसर और काला पीलिया फैल रहा है। रानिया विधानसभा के केवल एक गांव सादेवाले में कैंसर के 70 से ज्यादा मरीज हैं, वहीं पनगिरी गांव में काला पीलिया के 25 से ज्यादा मरीज हैं।
इनको इलाज के लिए भी राजस्थान और पंजाब जाना पड़ता है। सिरसा में एक मेडिकल कॉलेज बनना था। उस मेडिकल कॉलेज की नींव राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने 22 नवंबर 2022 को रखी थी, लेकिन हुआ कुछ नहीं।
उसके बाद तत्कालिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर न दौरा किया कि टेंडर कराएंगे और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी इसका क्रेडिट ले चुके हैं। लेकिन अभी तक वहां पर अस्पताल के नाम की एक इंट भी नहीं रखी गई।
कई बार टेंडर रद्द हो चुके हैं। आज सिरसा की स्थिति ये है कि न तो मेडिकल सुविधा है और न ही लगातार फैलते जा रहे नशे का कोई इलाज है।
उन्होंने कहा कि आज एनओसी और पोर्टल जी का जंजाल बन गया है। चाहे किसी को रजिस्ट्री करवानी हो या कोई हस्तांतरण कराना हो पूरे हरियाणा के लोग इस पोर्टल और एनओसी में फंस कर रह गए हैं।
इसमें केवल भ्रष्टाचार हो रहा है। आम आदमी पार्टी की सरकार ने पंजाब में इस एनओसी को खत्म किया है। हरियाणा में भी आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर इसे खत्म किया जाएगा।
इसके अलावा उन्होंने कहा मुझसे घनुर, चक्का और भूना गांव के लोग मिले, जिन्होंने बताया कि वो 30-40 सालों से अपने मकान बनाकर जमीन पर रह रहे थे, जो शामलात और पंचायती जमीनें थी।
जहां वो मकान और प्लॉट अलॉट न होन पर बस गए, लेकिन अब बीजेपी सरकार उनके मकान को तोड़ना चाहती है। परंतु बीजेपी सराकर को मेरी शख्त हिदायत और मांग है कि सरकार पहले इनके लिए रहने की व्यवस्था करे, इसके बाद आगे की सोचे।
ये तोड़ना, उजाड़ना और लोगों को सड़क पर बैठा देने की नीति सही नहीं है। बीजेपी ने इस देश के किसान को भी सालों साल बॉर्डर पर बैठा कर रखा। इसलिए सरकार किसान विरोधी नीतियों को छोड़े और सरकार के हित में काम करे हरियाणा से नशा खत्म करे।