हिंदू-सिख भाईचारे का संगम है भगत धन्ना जी की कर्मस्थली

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भगत धन्ना जी खेत में गुरुद्वारा व मंदिर आमने-सामने, जहां सभी धर्मों के लोग नमन करने पहुंचते हैं

भगत धन्ना जी के गांव धुआं कलां की मिट्टी से आती है भगती की महक, विभिन्न प्रदेशों के अलावा

विदेशों से भी आते है श्रद्धालु

सिरसा से गए भ्रमण दल के सदस्यों ने भगत धन्ना जी की कर्मस्थली पर की अरदास, सिरसा में मंदिर

व गुरुद्वारे का करवाया जाएगा निर्माण

सिरसा, राजस्थान में अनेक धाम है जहां पर लोग श्रद्धा से नमन करने पहुंचते है। इन्हीं में भगत धन्ना जी की कर्मभूमि भी शामिल है। जयपुर से कोटा जाते वक्त करीब 135 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे से छोटा मार्ग निकलता है।

करीब 6 किलोमीटर चलने पर गांव धुआं कलां आता है। यह गांव भगत धन्ना जी का ही गांव है। इस गांव के जर्रे-जर्रे से भगती की महक आती है। आए भी क्यों न यहां पर भगत धन्ना जी ने तप किया।

यह वही धरा है जहां पर भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं कई माह तक खेतों में काम किया, गायों को चराया, धन्ना बन कर धन्ना जी के घर रहे।

भले ही यह बात करीब एक हजार साल पहले की हो पर आज भी लोगों के दिल में भगत धन्ना जी के प्रति जो श्रद्धा भाव है उसको शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।

यह भी नहीं कि हम बात सिर्फ हिंदू धर्म बल्कि सिख व अन्य धर्मों के लोग भी इस मिट्टी को बड़ी ही श्रद्धा भाव से नमन करते है।

भगत धन्ना जी के खेतों के दर्शन करने के लिए यहां पर देश के अनेक राज्यों के अलावा विदेशों से भी श्रद्धालु आते है। धन्ना जी के खेत गांव धुआं कलां से उत्तर-पूर्व में करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर है।

15 व 16 जून को सिरसा से नव गठित शिरोमणि भगत धन्ना जी जागृति मंच के 21 सदस्य भी भगत धन्ना जी के गांव धुआं कलां में गए।

इस दल में मंच के प्रधान अमरीक सिंह राही, मंच के फाउंडर डॉ. राजेंद्र कड़वासरा, यात्रा के संयोजक कमलदीप शर्मा, अजमेर सिंह सिधू, सुभाष लूणा, अभिनव पुनियां, महेंद्र घणघस, सुखविंद्र सिंह, राम किशन खोथ, अजीत सिंह, राजपाल कड़वासरा, रेशम सिंह, शिंगारा सिंह, लखविंद्र सिंह, जितेन दत्त, कृष्ण सरपंच रत्ताखेड़ा, कमलदीप कस्वां, इंद्रपाल कस्वां पन्नीवाला, कुलदीप ऐलनाबाद, सुरेंद्र कड़वासरा आदि शामिल रहे।

इस धार्मिक भ्रमण दल को जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा ने झंडी दिखाकर रवाना किया था।

गांव धुआं कलां पहुंचने के बाद उक्त भ्रमण दल के सदस्यों को मालूम पड़ा कि जो गुरुद्वारा साहिब यहां पर बना हुआ है वह भगत धन्ना जी के खेतों में ही है। सभी सदस्यों ने एक-एक चीज के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की।

भगत धन्ना जी के खेतों के अलावा उनके नाम पर राजस्थान सरकार द्वारा बनाए गए भगत धन्ना जी पैनोरमा भी देखा। इसमें भगत धन्ना जी के चित्रों द्वारा उनके जीवन पर प्रकाश डाला गया है।

ऐतिहसिक है गुरुद्वारा साहिब का कुआं

भगत धन्ना जी के खेत की जमीन में बने भगत धन्ना जी गुरुद्वारा साहिब में एक कुआं है। जब इस कुएं के बारे में जानकारी ली गई है पता चला कि यह वही कुआं है जिससे भगत धन्ना जी अपने खेतों में पानी देते थे।

गायों को पानी इसी कुएं से पिलाते थे। हम ने भी का जमीनी पानी पिया। ठंडा और स्वादिष्ट था। किसी भी डिस्टिल्ड वाटर से बहुत बेहतर था।

कुएं के चारों और लोहे की जालियां गुरुद्वारा प्रबंधकों द्वारा लगाई गई है ताकि इस ऐतिहासिक कुएं को संजो कर रखा जा सके।

गुरुद्वारा मंदिर आमने-सामने
दरअसल जिस जमीन में गुरुद्वारा है वह वही जमीन है जहां पर भगत धन्ना जी खेती करते थे।

उनके पास 18 बीघे जमीन थी। अब इस जमीन में से एक मार्ग निकल गया है। छह बीघा जमीन में गुरुद्वारा साहिब है। गुरुद्वारा साहिब के सामने रोड़ की दूसरी साइड मंदिर है।

मंदिर की देखरेख भगत धन्ना जी के नाम पर बने ट्रस्ट के सदस्य कर रहे है। मंदिर की साइड की 12 बीघा जमीन भी वही संभाल रहे है। इस ट्रस्ट में धुआं कलां व आसपास के 12 के लोग सदस्य है।

भगत धन्ना जी पैनोरमा

भगत धन्ना जी की याद में गांव धुआं कलां में गुरुद्वारा के पास ही भगत धन्ना जी पैनोरमा बनाया गया है।

राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण द्वारा निर्मित इस भगत धन्ना जी पैनोरमा का लोकार्पण तत्कालीन मु यमंत्री वसुंधरा राजे ने 27 सितंबर 2018 को किया।

इस पैनोरमा में भगत धन्ना जी के जीवन पर आधारित सचित्र वृतांत किया गया है। जो लोग धुआं कलां जाते है वे यहां भी जरूर जाते है।

दुनिया में दो जगहों पर ही भगवान ने किया है खेतों में काम: बाबा शेर सिंह

गांव धुआं कलां में स्थित भगत धन्ना जी गुरुद्वारा साहिब के मु य सेवक बाबा शेर सिंह ने बताया कि दुनियां में दो ही ऐसी जगह है जहां पर भगवान ने खुद हल जोतकर खेती है।

उन्होंने बताया कि भगत धन्ना जी के खेतों में व करतारपुर साहिब में । इसके अलावा भगवान ने खुद कहीं हल नहीं जोता। यह धरती इस लिए सबसे अलग और खास है।

मंदिर के पुजारी मूलचंद शर्मा ने भी भगत धन्ना जी के छह माह तक धार्मिक यात्रा पर जाने के दौरान की कहानी सुनाते हुए बताया कि इन छह महीनों में भगवान श्रीकृष्ण ने खुद धन्ना जी का रूप धारण कर घर व खेत में काम किया।

सभी सदस्य लाए भगत धन्ना जी के खेत की मिट्टी


शिरोमणि भगत धन्ना जी जागृति मंच के सभी सदस्य भगत धन्ना जी के खेत की मिट्टी अपने साथ लाए।

भ्रमण दल का नेतृत्व कर रहे डॉ. राजेंद्र कड़वासरा, प्रधान अमरीक सिंह राही व संयोजक क मलदीप शर्मा ने बताया कि इस मिट्टी का महत्व इस लिए है कि यहां पर भगत धन्ना जी ने खुद काम किया और भगवान ने भी महीनों तक इस मिट्टी में काम किया।

ऐसे में हम इस मिट्टी को अपने साथ लेकर जाना अपना सौभाग्य समझते है।

सिरसा में बनेगा भगत धन्ना जी के नाम पर एक गुरुद्वारा व एक मंदिर

शिरोमणि भगत धन्ना जी जागृति मंच के सदस्यों ने भगत धन्ना जी के गांव धुआं कलां में अरदास की। इस दौरान उन्होंने कहा कि सिरसा जिले में भगत धन्ना जी के नाम पर एक गुरुद्वारा व एक मंदिर का निर्माण करवाया जाएगा।

इसके लिए भगत धन्ना जी गुरुद्वारा साहिब के मु य सेवक बाबा शेर सिंह ने सभी को आशीर्वाद दिया और कहा कि इस नेक कार्य में किसी प्रकार की बाधा नहीं आएगी।

उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी हुई है कि आज की पीढ़ी की इस प्रकार की श्रद्धा है। भगत धन्ना जी का गुरु ग्रंथ साहिब में उल्लेख है।

उन्होंने कीरत करो वंड के छको को सार्थक किया। बस इसी मार्ग दर्शन पर सब चलें तो किसी प्रकार की कहीं कोई कमी नहीं।

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