सावधान, व्हाट्सएप के जरिए चल रहा साइबर ठगी का खेल

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डबवाली, 12 जून। पुलिस अधीक्षक डबवाली ने जिला वासियों को आगाह करते हुए कहा कि साइबर ठगों ने अब सोशल मीडिया के जरिये ठगी शुरू कर दी है।

ठग खुद के नंबर पर दूसरे की व्हाट्सएप डीपी लगाकर संबंधित के परिचितों से पैसे मांग रहे हैं।

सिर्फ डीपी देखकर कई बार परिचित इन ठगों के झांसे में आ रहे हैं और राशि ट्रांसफर भी कर देते हैं।

इसलिए लोगों का सतर्क रहने की जरूरत है। डबवाली पुलिस द्वारा विशेष जागरूकता अभियान चलाकर आमजन को समय-समय पर साइबर अपराध से बचने हेतु जागरूक किये जा रहे है।

व्हाट्सएप से कैसे होती है ठगी

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि साइबर अपराधी इंटरनेट की दुनिया में सक्रिय रहते हैं।

वे लगातार नए मौकों की तलाश में रहते हैं। व्हाट्सएप के जरिए कई बार व्हाट्सएप पर आपके परिचित की तस्वीर लगा कर,

साइबर अपराधी आपको मैसेज भेजते हैं और यह बताते हैं कि वह किसी जरूरी मीटिंग में है और कुछ पैसे की जरूरत है,

क्योंकि वह मीटिंग में बात नहीं कर पाएगा। इसलिए उनके अकाउंट में ही पैसे भेजें।

इस दौरान वे यह भी बताते हैं कि यह नंबर भी उन्हीं का है। चूंकि प्रोफाइल फोटो में आपके परिचित की तस्वीर रहती है तो आप आनन-फानन में पैसे डाल देते हैं।

ठगी से बचने के लिए इन बातो पर रखे ध्यान

आपके किसी परिचित का प्रोफाइल फोटो लगाकर अगर आपसे कोई पैसों की मांग करता है तो आप तुरंत सतर्क हो जाइए क्योंकि कोई भी व्यक्ति संकट के समय मैसेज भेज कर मदद नहीं मागेगा।

अगर आपका व्हाट्सएप अकाउंट हैक हुआ है तो आपको तुरंत ही अपना व्हाट्सएप रिसेट करना है।

इसके बाद आपको व्हाट्सएप में दोबारा पहले जैसे ही लागिन करना पडेगा।

इसके बाद आपके अकाउंट पर ओटीपी आएगा और अपराधी द्वारा हैक किया हुआ अकाउंट लॉग आउट हो जाएगा।

वह आपको जल्द से जल्द करना है सबसे पहले आपको यह ध्यान रखना है कि व्हाट्सएप बिना आपकी अनुमति कोई भी ओटीपी नहीं भेजता है।

अगर ऐसा कोई भी ओटीपी आता है तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए।

व्हाट्सएप पर जालसाज आपके करीबी बनकर ही आपसे लूट कर सकते है।

अगर आपसे कोई भी करीबी बनकर मदद मांग रहा है तो सबसे पहले उसे कॉल कीजिए और किसी ओटीपी को जानकारी नहीं दीजिए।

इसके अलावा आपको सेफ्टी को बढ़ाने के लिए ब्हाट्सएप मे डू फैक्टर ऑर्थोटिकेशन विकल्प भी ऑन करना चाहिए।

ऐसे मे क्या होगा कि हैकर्स या किसी को भी आपके व्हाट्सएप को दूसरे डिवाइस में चलाने से पहले ओटीपी के अलावा एक और कोड की आवश्यकता पडेगी।

किसी भी प्रकार की वित्तीय या आनलाइन धोखाधड़ी होने पर 1930 पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करवाए।

इसके अलावा अपनी शिकायत साइबर क्राइम थाना या आपके संबंधित थाना में स्थापित साईबर हेल्प डेस्क पर शिकायत दें।

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