पंजाब में एनडीए सभी सीटें हारा, मंत्रीमंडल में पंजाब को जगह मिलने की संभावना कम

मंत्रीमंडल | Khabrain Hindustan | पंजाब में एनडीए सभी सीटें हारा |

चंडीगढ, 9 जून। रविवार शाम को नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री के पद की शपथ लेंगे।

इसी दौरान केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल होने वाले मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी।

इस बार पंजाब की केंद्र में भागीदारी कम या न रहने की संभावना है। कारण है केंद्र में एनडीए को बहुमत मिल है।

बीजेपी या बीजेपी की सहयोगी पार्टी का एक भी सांसद पंजाब से नहीं बना।

पंजाब व चंडीगढ़ की 14 सीटों पर 8 कांग्रेस, 3 आम आदमी पार्टी, 1 अकाली दल व 2 निर्दलीय प्रत्याशी जीते है।

इनमें से सिर्फ अकालीदल ही ऐसी पार्टी है जो बीजेपी के साथ वर्षों तक गठबंधन में रही।

पर किसान आंदोलन के दौरान अकाली दल ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया।

जिस कारण अब अकाली दल के सांसद का भी केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल होने की संभावनाओं पर विराम लग गया है।

पर केंद्र हर राज्य की भागीदारी हो इस फार्मूले पर नजर डालें तो पंजाब से रवनीत सिंह बिट्टू और महारानी परनीत कौर में से किसी एक को मंत्रीमंडल में शामिल किया जा सकता है।

ये दोनों प्रत्याशी बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़े थे और दोनों ही चुनाव हार गए थे।

पर केंद्रीस नेतृत्व पंजाब को सत्ता में साथ रखने के लिए उक्त दोनों नेताओं में से किसी एक को मंत्रीमंडल में शामिल करेगा इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

इससे पहले की बात करें तो 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की कैबिनेट में पंजाब से कोई भी मंत्री नहीं था।

हालांकि इस कैबिनेट में तीन नाम डॉ. मनमोहन सिंह, बलराम जाखड़ और बूटा सिंह पंजाब से ताल्लुक रखते थे, लेकिन राज्य से चुनाव जीतकर संसद नहीं पहुंचे।

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