सूबे में 43192 मतदाताओं को नहीं आया कोई भी उम्मीदवार पसंद
सिरसा, 7 जून। लोकसभा चुनावों के आए परिणामों में रोचक तथ्य सामने आ रहे है। इसी कड़ी में यह सामने आया है कि
हरियाणा की 10 सीटों पर मैदान में उतरे 168 उम्मीदवार ऐसे रहे जिनको नोटा से भी कम वोट मिले है। इतना ही नहीं इनमें पार्टियों के उम्मीदवार भी शामिल है।
देखने में आता है कि हर बार चुनावों में कई ऐसे उम्मीदवार मैदान में उतर जाते है जिनका कोई राजनीतिक अस्तित्व ही नहीं होता।
ऐसा ही इस बार लोकसभा चुनावों में सामने आया। इस बार हरियाणा में करीब ढाई सौ प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा।
इनमें से कोई भी पसंद न हो तो मतदाता के लिए नोटा का विकल्प भी है। परिणाम पर नजर डालें तो हरियाणा की 10 सीटों पर 168 ऐसे उम्मीदवार है जिनको नोटा से कम वोट मिले।
अंबाला में नोटा को 6452 वोट मिले। यहां से 9 उम्मीदवार ऐसे है जिनको नोटा से कम वोट मिले, जिसमें जननायक जनता पार्टी का भी उम्मीदवार शामिल है।
भिवानी-महेंद्रगढ से नोटा को 5287 वोट मिले। इस सीट से 13 ऐसे उम्मीदवार रहे जो नोटा से पीछे रहे।
फरीदाबाद लोकसभा से नोटा को हरियाणा में सबसे अधिक 6821 वोट मिले। यहां से 20 उम्मीदवार नोटा से पीछे रह गए
जिनमें जन नायक जनता पार्टी का प्रत्याशी शामिल है। इसी प्रकार गुरुग्राम से नोटा को 6417 वोट मिले। यहां से 19 उम्मीदवार ऐसे रहे जिनको नोटा से कम वोट मिल, जिनमें इनेलो का प्रत्याशी भी शामिल है।
हिसार से नोटा को 3366 वोट मिले और 22 उम्मीदवार नोटा से पीछे रहे। करनाल से 3955 वोट नोटा को मिले और 13 उम्मीदवार नोटा से पिछड़े।
कुरुक्षेत्र से 2439 वोट नोटा को मिले और 22 उम्मीदवार नोटा से कम वोट हासिल कर पाए। रोहतक से 2362 वोट नोटा को मिले और यहां से 21 उम्मीदवार नोटा से पीछे रहे।
इसी प्रकार सिरसा में नोटा को 4123 वोट मिले और यहां से 12 उम्मीदवार ऐसे रहे जिनको नोटा से कम वोट मिले।
सोनीपत में नोटा को 2320 वोट मिले और यहां से 17 उम्मीदवार ऐसे रहे जिनको नोटा से कम वोट मिले।