-गांव भंगू में कई गांव के किसानों ने मीटिंग कर बनाई रणनीति
-हरियाणा में इमरजेंसी जैसा माहौल, इंटरनेट सेवाएं ठप, प्रशासन ने सारे रास्ते किए बंद
-बातचीत से कोई हल ना निकला तो किसान हर हाल में दिल्ली कूच करेंगे, सरकार की गोली का मुकाबला अपनी छाती से करेंगे।
सिरसा। भारतीय किसान एकता बीकेई के प्रदेशाध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने रविवार को गांव भंगू में कई गांवों के किसानों की मीटिंग की, जिसमें आंदोलन के बारे में जानकारी दी और आंदोलन की आगे की रूपरेखा के बारे में भी बताया। औलख ने बताया कि सिरसा जिले से बड़ी संख्या में किसान अपनी ट्रैक्टर ट्रालियों के साथ खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। हरियाणा पुलिस के अत्याचार से सिरसा के किसानों को चोटें आई हैं।
गांव चकेरिया से जीगरदीप के हाथ में आंसू गैस का गोला फटने से 7 टांके लगे हैं, वहीं रोड़ी से गुरप्रीत सिंह जैलदार को भी आसू गैस के गोले से काफी चोटें लगी हैं, जिसने खनोरी बॉर्डर और शंभू बॉर्डर पर चल रहे मोर्चे की जानकारी दी। केंद्र सरकार के साथ तीन दौर की हुई वार्ता के बारे में बताते हुए कहा कि अपनी-अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियां और राशन तैयार रखें। अगर आज भी केंद्र सरकार के साथ होने वाली मीटिंग से कोई नतीजा नहीं निकलता है तो सभी ने दिल्ली कूच करना है।
औलख ने हरियाणा सरकार द्वारा किए जा रहे अत्याचार की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि सरकार ने अत्याचार की सभी हदें पार करते हुए अपने किसानों पर आंसू गैस के गोलों के साथ-साथ गोलियां भी चलाई। हमारा एक किसान शंभू बॉर्डर पर शहीद हो गया है और सैकड़ों किसान जख्मी हुए हैं। कई किसानों की हालत अभी भी खराब है, जो पीजीआई चंडीगढ़ व राजेंद्र मेडिकल कॉलेज पटियाला में दाखिल है।
ओएलएक्स ने इस आंदोलन के खराब खिलाफ प्रचार कर रहे किसान नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह सरकार से भी ज्यादा खतरनाक है, जो अपने ही किसानों के विरुद्ध प्रचार करके उनको कमजोर कर रहे हैं। एक तरफ तो दिल्ली कूच के प्रोग्राम के खिलाफ वीडियो डाल रहे हैं, दूसरी तरफ समर्थन देने का ड्रामा रच रहे हैं। किसान समाज सब देख रहा है वह इन्हें कभी माफ नहीं करेगा। इस मौके पर गांव रोड़ी, रघुआना, साहुवाला, पंजुआना, रोहिड़ावाली, मल्लेवाला झीड़ी, भंगू, खुईया नेपालपुर, बड़ागुढ़ा, वीरूवाला गुढ़ा के किसान शामिल हुए।