लोकसभा चुनावों में डेरा सच्चा के समर्थन की चर्चाएं हुई तेज

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मतदान शुरू होने से पहले डेरा के समर्थन को लिए गए फैसले से प्रेमियों को करवाया जाएगा अवगत

सिरसा, 24 मई। हरियाणा के सिरसा में स्थित डेरा सच्चा सौदा की तरफ से लोकसभा चुनावों में हरियाणा में बीजेपी को समर्थन देने की चर्चाएं चल रही है।

हालांकि डेरा की तरफ अभी तक कोई घोषणा नहीं की गई है पर गत दिवस चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद लोकसभा चुनावों के दृष्टिगत डेरा प्रबंधन ने अपनी कमेटियों को एक्टिव कर दिया है।

लोकसभा चुनावों में समर्थन को लेकर डेरे की प्रबंधन कमेटी द्वारा फैसले के बारे में डेरा का अनुयायियों को बताने के लिए 15 मेंबरी कमेटी की ड्यूटी लगा दी गई है। कमेटी ने यह मैसेज भंगीदासों को दिया है।

अब भंगीदास ब्लॉक और वार्ड स्तर पर डोर टू डोर मैसेज पहुंचाएंगे। एक डेरा के प्रेमी के मुताबिक आज देर रात या मतदान दिन यानि 25 मई को अल सुबह बता दिया जाएगा कि डेरा किस प्रत्याशी को समर्थन दे रहा है।

हालांकि डेरे की तरफ से कहा जा रहा है कि वह किसी पार्टी को सपोर्ट नहीं कर रहे। उनकी राजनीतिक विंग भी भंग हो चुकी है। मगर सोशल मीडिया पर चर्चा है कि टीमें बनाकर डेरे का मैसेज श्रद्धालुओं तक पहुंचाया जा रहा है।

पांच दिन पहले भाजपा के नेताओं ने डेरे में जाकर डेरा प्रमुख डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा की मुंह बोली बेटी हनीप्रीत से मुलाकात कर भाजपा के लिए समर्थन मांगा था।

हालांकि इसके लिए हनीप्रीत ने 3 से 4 दिन का समय मांगा था। इसके बाद भाजपा नेताओं ने शुक्रवार को फिर डेरे जाकर संपर्क किया था। बता दें कि हरियाणा की सिरसा, हिसार, भिवानी-महेंद्रगढ, फरीदाबाद, सोनीपत, करनाल, कुरूक्षेत्र और अंबाला लोकसभा सीट पर डेरे का अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है।

यहां पर कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर है।

ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि यहां पर डेरा का समर्थन हार-जीत को प्रभावित कर सकता है। डेरा की तरफ से इन लोकसभा चुनाव में राजनीतिक फैसले लेने के अधिकार भी हनीप्रीत को दिए गए हैं।

हाल ही में डेरा प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि नियमों के मुताबिक उनकी 41 दिन की फरलो-पैरोल बची हुई है। जो उन्हें मिलनी चाहिए। इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस किया था लेकिन अभी उस पर फैसला नहीं हुआ है।
बता दें कि पंजाब के पिछले चुनाव में अंतिम समय पर डेरा समर्थकों ने भाजपा का समर्थन किया था।

इसका भाजपा व अकाली दल गठबंधन को फायदा मिला। हरियाणा में 2014 के चुनाव में भाजपा की जीत में डेरे का बड़ा योगदान रहा।

2019 के चुनाव में बाबा के जेल जाने के बावजूद कई नेता, पूर्व विधायक और उम्मीदवार डेरे के संपर्क में थे। इसका उन्हें फायदा भी मिला था।

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