जींद जिले के पिल्लूखेड़ा कस्बे के साथ अमराली खेड़ा गांव में प्रदेश भाजपा एक मई को “धन्ना जाट” की जयंती मनाएगी। गौरतलब है कि हरियाणा में मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री रहते महापुरुषों की जयंती मनाने की परंपरा शुरू की थी।
हरियाणा सरकार ने पिछले साल धन्ना जाट जयंती कैथल जिले के धनोरी गांव में मनाई थी। तब धनोरी गांव में आयोजित इस कार्यक्रम में देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की थी। तब निवर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित भाजपा के तमाम बड़े नेता शामिल हुए थे।
तब इस तीन दिवसीय सफल कार्यक्रम की संपूर्ण संरचना पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद सुभाष बराला ने ही की थी। अब जींद जिले में मनाई जा रही इस जयंती की कमान भी राज्य सभा सांसद सुभाष बराला के हाथों में है। कार्यक्रम को सफल करने के लिए सुभाष बराला जिला स्तर पर बैठक करके सब कार्यकर्ताओं को इस कार्यक्रम में लगा चुके हैं।
असल में मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री रहते महापुरुषों को सम्मान देने की परंपरा शुरू की थी और उनकी जयंती सरकारी खर्चे पर मनाने का काम किया। अब प्रदेश में चुनावी माहौल चल रहा है, ऐसे में सरकार इस जयंती को सरकार के स्तर पर नहीं मना सकती तो अब प्रदेश भाजपा ने अपने स्तर पर इस जयंती को मनाने का फैसला किया है।
इस कार्यक्रम के लिए जींद की जाटलैंड को चुना गया है और इसमें भी जींद जिले के सफीदों रोड स्थित जामनी भुरायण सड़क पर गांव अमराली खेड़ा में इस कार्यक्रम को करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष तथा राज्यसभा सांसद सुभाष बराला के कंधों पर इस कार्यक्रम को सफल बनाने का दायित्व है।
सुभाष बराला भाजपा में जाट समाज के बड़े नेता हैं और धन्ना भगत जाट समाज के बड़े संत हैं। एक मई को होने वाले इस कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल, हरियाणा के कई मंत्री व विधायक मौजूद रहेंगे।
इस प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेता अभी से तैयारियों में जुट गए हैं। इसी कड़ी में सोमवार को जींद भाजपा के जिलाध्यक्ष राजू मोर रैली स्थल पर चल रही तैयारियों का जायजा लेने के लिए पहुंचे।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए जिलाध्यक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सदा से ही साधु संतों का सम्मान करती आई है और जिन संत और महापुरुषों ने हमारे समाज के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है, उनकी याद में भाजपा उन सभी साधु संतों की जयंती मनाने का काम कर रही है। यह सौभाग्य की बात है कि धन्ना भगत की राज्यस्तरीय जयंती मनाने का प्रोग्राम जींद जिले को मिला है। जिसके लिए छोटे से लेकर बड़े कार्यकर्ता तक सभी जी-जान से जुट गए हैं।
धन्ना भगत के विचारों का उल्लेख गुरु ग्रंथ साहिब में भी: बराला
हरियाणा लोकसभा चुनाव संचालन समिति के
अध्यक्ष व सांसद सुभाष बराला ने धन्ना जाट जयंती पर अपने विचार रखते हुए कहा कि सनातन में मोक्ष के तीन रास्ते हैं। पहला रास्ता है कर्म, आप सद्भाव से कर्म करते जाओ और जनकल्याण का काम करते रहो, यह सही रास्ता है। इससे थोड़ा ऊंचा रास्ता है कर्म और ज्ञान… यदि कर्म और ज्ञान दोनों का मिश्रण हो जाता है और तब आप जन कल्याण के कार्य करते हो… तो इसमें बढ़ोतरी होती है।
पर इसकी भी पराकाष्ठा और सर्वोत्तम है भक्ति। भक्ति आंदोलन के अंदर जिन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया उसमें धन्ना भगत भी एक हैं। बराला के मुताबिक धन्ना भगत के विचारों का उल्लेख गुरु ग्रंथ साहिब में भी मिलता है।
धन्ना जाट पहले धन्ना जाट के नाम से जाने गए। उसके बाद उनकी पहचान धन्ना सेठ के नाम से हुई और बाद में वह धन्ना भगत के नाम से विख्यात हुए। उन्होंने कहा कि मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री रहते महापुरुषों की जयंती मनाने की जिस सर्वश्रेष्ठ परंपरा की शुरुआत की है हम केवल उसका निर्वहन कर रहे हैं।
जींद मेडिकल कॉलेज का नामकरण “धन्ना भगत” के नाम पर
पिछले साल 23 अप्रैल को जयंती के अवसर पर प्रदेश सरकार ने हरियाणा की बड़ी जाटलैंड मानी जाने वाली जींद की धरा पर बन रहे मेडिकल कॉलेज का नामकरण धन्ना भगत के नाम पर करने और मेडिकल कॉलेज का नाम धन्ना भगत पीजीआई रखने की घोषणा की थी।
भाजपा की विरोधी पार्टियां धन्ना जाट जयंती मनाए जाने के पीछे राजनीतिक कारण मानती हैं। विरोधी दल इस बात का दावा करते हैं कि जाट समुदाय में भाजपा की पकड़ कम है, लेकिन धन्ना जाट जयंती के माध्यम से भाजपा यह संदेश देने का भी काम कर रही है कि जो विपक्षी नेता तथाकथित तौर पर जाट समुदाय के हितैषी होने का दम भरते हैं, बरसों उनकी सरकार रही लेकिन उन्होंने कभी जाट समाज के इस संत को याद नहीं किया। इस कार्यक्रम के माध्यम से भाजपा जाट समाज की सबसे बड़ी शुभचिंतक पार्टी होने का दावा भी मजबूत करती नजर आती है।