चंडीगढ, 24 अप्रैल। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के पावन सान्निध्य में बुधवार को सेक्टर 30-ऐ में स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में मानव एकता दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर हर वर्ष की तरह संत निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा रक्त दान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं द्वारा स्वेच्छा से 296 युनिट रक्त दान किया। रक्तदाताओं में महिलाएं भी शामिल रही।
निरंकारी मिशन द्वारा यह दिन युगप्रवर्तक बाबा गुरबचन सिंह जी के परोपकारी जीवन एवं उनकी लोक कल्याण की भावना को समर्पित है। युगदृष्टा सत्गुरू बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के निर्देश कि ‘रक्त नाड़ियों में बहना चाहिए नालियों में नहीं’ की पालना करते हुए निरंकारी मिशन द्वारा सन 1986 से आरंभ हुई परोपकार की यह मुहिम, महाअभियान के रूप में आज अपने चरमोत्कर्ष पर है। इन शिविरों में अभी तक 13,31,906 युनिट रक्त मानवमात्र की भलाई हेतु दिया जा चुका है और यह सेवाएं निरंतर जारी है।
इस दौरान जोनल इंचार्ज ओ पी निरंकारी ने यहां सैकडों की संख्या में उपस्थित रक्त दाताओं का हौंसला देख कर उनकी सराहना करते हुए कहा कि स्वेच्छा से स्वयं को रक्त दान हेतु समर्पित करना बहुत ही सराहनीय है और यह जो दान किया जा रहा है यह परमात्मा द्वारा दिए गए तन से ही किया जा रहा है ।
क्योंकि हम सभी के शरीर में परमात्मा ने एक रिजर्व रक्त का सिस्टम बनाया होता है उसी के कारण ही हम रक्त दान कर पाते हैं । हमारे शरीर में प्रवाह करने वाला रक्त जहां हमें जीवन दान देता है वहां हमारे द्वारा दान किया गया रक्त दूसरों को भी जीवन दान देता है ।
श्री निरंकारी ने कहा कि स्वेच्छा से रक्तदान करना मानवता दिवस को व्यवहारिक रूप देने का एक स्पष्ट उदाहरण है क्योंकि यह दान वही कर सकता है जिसमें मानव को मानव हो प्यारा की भावना होती है ।
इस अवसर पर चंडीगढ के संयोजक नवनीत पाठक ने उपस्थित सभी एरिया के मुखी व सेवादल के अधिकारी तथा पी.जी.आई. चंडीगढ से आई डाक्टरों की टीम व सभी रक्तदाताओं का धन्यवाद किया ।