कभी निर्दलीय सांसदों के सहारे बनती थी देश में सरकारें

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कांग्रेस 1934 में 42 सांसदों के साथ आई थी अस्तित्व में तो बीजेपी ने 1984 में दो सांसदों के साथ खोला था खाता

चंडीगढ । कभी देश में निर्दलीय सांसदों के दम पर सरकारें बनती थी। आजादी के पहले भी और बाद भी आजाद प्रत्याशी हर लोक सभा में सांसद बनते आ रहे है। वर्ष 1920 से लेकर 1989 तक निर्दलीयों का सत्ता में अहम स्थान रहा पर उसके बाद इनकी दाल कम ही गली है।

आजाद सांसदों की ज्यादा संख्या 1971 तक ही रही, उसके बाद निर्दलीय सांसदों की संख्या सिकुडती गई। और अब ये स्थिति हो गई है कि इनकी सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित नहीं हो पा रही।


बात अगर कांग्रेस की करें तो 1934 में 42 सांसदों के साथ अस्तित्व में आई थी और उसके बाद सबसे खराब प्रदर्शन की बात करें तो 2014 व 2019 में रहा। आजादी के पहले की बात करें तो 1920 के चुनावों में डेमोक्रेटिक पार्टी के 48 सांसद बने थे जबकि आजाद सांसदों की संख्या 47 थी।

इसी प्रकार 1923 में स्वराज पार्टी के 38, इंडियन लिबरल पार्टी के 27 व आजाद 7, 1926 में नेशनलिस्ट पार्टी के 22, स्वराज पार्टी के 38 व आजाद 13 सांसद जीते थे, 1930 के चुनावों में नेशनलिस्ट पार्टी के 40 व आजाद 30 सांसद बने थे।

पहली बार 1934 में कांग्रेस के 42 सांसद बने, इसी चुनाव में 41 निर्दलीय सांसद बने जबकि 1945 में कांग्रेस के 57 व आजाद 5 सांसद बने।


देश की आजादी के बाद हुए 1951-52 के पहले आम चुनावों में कांग्रेस के 364 व आजाद 37, 1957 में कांग्रेस के 371 व आजाद 42, 1962 में कांग्रेस के 361 व आजाद 20, 1967 में कांग्रेस के 283 व आजाद 35, 1971 में कांग्रेस के 352 व आजाद 14, 1977 में कांग्रेस के 154 व आजाद 9, 1980 में कांग्रेस के 353 व आजाद 9,

1984 में कांग्रेस के 404 व आजाद 5, 1989 में कांग्रेस के 197 व आजाद 12, 1991 में कांग्रेस के 232 व आजाद 1, 1996 में कांग्रेस 140 व आजाद 9, 1998 में कांग्रेस के 141 व आजाद 141, 1999 में कांग्रेस के 114 व आजाद 6, 2004 में कांग्रेस के 145 व आजाद 5, 2009 में कांग्रेस के 206 व आजाद 9, 2014 में कांग्रेस के 44 व आजाद 3 तथा 2019 में कांग्रेस के 52 व आजाद 4 सांसद बने।

कांग्रेस का सबसे बड़ा प्रदर्शन 1984 में रहा जब पार्टी के 404 सांसद जीते थे। इसी प्रकार 1984 में 2 दो सांसदों के साथ अस्तित्व में आई बीजेपी का वर्ष 2019 के चुनावों में अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन रहा।

इन चुनावों में बीजेपी के 303 सांसद जीते। इस बार किस पार्टी के कितने सांसद बनते हैं और निर्दलीयों को भी संसद की चौखट तक पहुंचने का अवसर मिलेगा ये मतगणना के बाद ही पता चल पाएगा।

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