- डेरा सच्चा सौदा के चेयरमैन सहित प्रबंधकीय समिति व चिकित्सकों ने इलाही नारा व अरदास बोलकर किया शिविर का शुभारंभ
— आज मरीजों की जांच, 19 व 20 को चयनित मरीजों के नि:शुल्क होंगे ऑपरेशन
सिरसा। शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल में बृहस्पतिवार को डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज की पावन स्मृति में तीन दिवसीय नि:शुल्क 15वां याद-ए-मुर्शिद विकलांगता निवारण शिविर शुरू हुआ। शिविर का शुभारंभ डेरा सच्चा सौदा के चेयरमैन डा. पीआर नैन सहित प्रबंधकीय समिति के सदस्यों व अस्पताल के चिकित्सकों तथा स्टाफ सदस्यों और साध-संगत ने अरदास का शब्द बोलकर व धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा का इलाही नारा लगाकर किया।
शिविर के पहले दिन मरीजों की जांच की जा रही है। जबकि शिविर के दूसरे व तीसरे दिन चयनित मरीजों के ऑपरेशन शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल के अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ऑपरेशन थिएटर में हड्डियों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की ओर से किए जाएंगे।
शाह सतनाम जी रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन सिरसा की ओर से आयोजित इस कैंप में चयनित मरीजों के ऑपरेशन, ऑपरेशन से पूर्व जांच, एक्सरे, दवाइयां व कैलीपर आदि नि:शुल्क दिए जाएंगे। कैंप में पीजीआई रोहतक के रिटायर्ड डायरेक्टर डा. एस.एस. सांगवान, मानसा से डा. पंकज शर्मा, हिसार से डा. संजय अरोड़ा, मानसा से डा. सीमा शर्मा, शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल से हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. वेदिका इन्सां, डा. पुनीत इन्सां, डा. शीनम, डा. सुशीला आजाद, फिजियोथेरेपिस्ट डा. जसविंदर, डा. मनदीप व डा. नीता सहित अनेक चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे है।
शिविर के शुभारंभ अवसर पर डेरा सच्चा सौदा के चेयरमैन डा. पीआर नैन ने कहा कि पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा से यह कैंप लगाया गया है। डेरा सच्चा सौदा का इन कैंपों को लगाने का मुख्य उद्देश्य गरीब, असहाय व जरूरतमंदों को नि:शुल्क उपचार उपलब्ध कराना है।
इस अवसर पर शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल के आर.एम.ओ. डा. गौरव अग्रवाल इन्सां ने कहा कि डेरा सच्चा सौदा द्वारा लगाए जा रहे यह शिविर हड्डियों से संबंधित मरीजों के लिए काफी कारगर साबित हो रहे है। यहां मरीजों की हड्डी संबंधित रोगों की जांच के अलावा ऑपरेशन सहित दवाइयां फ्री में दी जाती है।
हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. वेदिका इन्सां ने कहा कि इन कैंपों में पहले पोलियो संबंधी रोग के मरीज अधिक आते थे। लेकिन सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से अब पोलियो के मरीज नहीं है। अब बच्चों के जन्मजात रोग सेरेब्रल पाल्सी व सीटीईवी यानी क्लब फुट रोग संबंधी मरीज ज्यादा आते है। सीटीईवी एक पैदाइशी बीमारी है।
इस बीमारी की चपेट में आने के कारण जन्म के समय से ही बच्चों के पैर का पंजा टेढ़ा रहता है। ऐसा लक्षण दिखते ही चिकित्सकों से संपर्क करके इलाज कराना चाहिए। जबकि सेरेब्रल पाल्सी का मतलब ऐसे लक्षणों के एक समूह से है जिनमें चलने में कठिनाई और मांसपेशियों की कठोरता शामिल होती है। यह मस्तिष्क की उन विकृतियों के कारण होता है जो जन्म लेने से प्रकट होती हैं।
क्योंकि उस समय मस्तिष्क विकसित हो रहा होता है या ऐसी मस्तिष्क क्षति के कारण होता है जो जन्म से पहले, इसके दौरान या इसके तुरंत बाद होती है। डॉ. वेदिका इन्सां ने मरीजों को सेरेब्रल पाल्सी संबंधी बीमारी से जागरूक करते हुए कहा कि इस बीमारी का ऑपरेशन ही एकमात्र हल नहीं है। इसके लिए मरीजों को ऑपरेशन के पश्चात जब तक बच्चा 12 से 15 साल का नहीं हो जाता तब तक वह निरंतर चिकित्सकों के संपकज़् में रहे और बताई गई एक्सरसाइज करवाते रहे। तभी इस बीमारी से छुटकारा मिल सकता है।
-2587 की अब तक जांच और 718 के हुए ऑपरेशन
नि:शुल्क याद-ए- मुर्शिद विकलांगता निवारण शिविर की शुरुआत साल 2008 से हुई है और 2020 में कोविड काल को छोड़कर हर साल यह कैंप आयोजित हुए है। अब तक इन कैंपों में 2587 मरीजों की जांच की गई है। जिनमें से 527 मरीजों को ऑपरेशन के लिए दाखिल किया गया है। जिनके 718 ऑपरेशन किए गए है। कई मरीजों के दो-दो-तीन-तीन ऑपरेशन भी हुए है। इसके अलावा 584 मरीजों को कैलीपर (कृत्रिम अंग) भी दिए गए है।
- 18 अप्रैल 1960 को साईं जी ने बदला था चोला
जिक्र योग है कि डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज …