बरसात से मंडियों में फसलें खराब होने का डर, सरकार करे प्रबंध: झोरड़

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सिरसा। झोरड़ खाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद झोरड़ ने कहा है कि किसानों को उनकी पक्की पकाई फसलों की उम्मीदों पर पानी फिरने का डर सताए जा रहा है । उन्होंने कहा कि बारिश से बचाने के लिए यहां खरीद एजेंसियों के पास कोई प्रबंध नहीं है।

शनिवार शाम को सिरसा, रोहतक, भिवानी, झज्जर, चरखी दादरी, नारनौल और फरीदाबाद जिलों में अचानक धूल भरी आंधी के बाद बारिश हुई। जिसमें किसानों की हजारों क्विंटल खुले में पड़ी सरसों तथा गेहूं भीग गई थी। झोरड़ ने कहा कि मौसम विभाग ने 20 अप्रैल तक बारिश की संभावना जताई है। जिससे किसानों की चिंता बढ़ी है।

खेत से लेकर मंडी तक गेहूं तथा सरसों खुले आसमान के नीचे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों ने छह माह तक बच्चों की तरह फसल की सेवा करके पकाई है। जब फसल मंडी में लाने का समय है तो ऐसे में लचर व्यवस्था के चलते फसलें खराब हो रही है।

हालांकि फसलों पर ली जाने वाली मार्केट फीस के बदले किसानों को मंडियों में सुविधाएं मुहैया होनी चाहिए पर हर वर्ष व्यवस्थाओं को लेकर मंडियों में लाखों रुपयों के टेंडर भी होते हैं पर सारा कागजी खेल हो जाता है। इससे किसानों को किसी प्रकार की सुविधाएं नहीं मिल पाती। इस घोटाले की आज तक न तो सरकार ने और न ही किसी संबंधित विभाग ने जांच कराने की जहमत उठाई।

किसानों को सुविधाएं देने के नाम पर प्रदेश की मंडियों में हर सीजन में करोड़ों रुपयों का गोलमाल होता है। उन्होंने मांग की कि इसकी जांच हो और किसानों को प्रर्याप्त सुविधाएं दी जाएं ताकि किसानों की फसलें मंडियों में सुरक्षित रह सके।

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