सिरसा, 05 अप्रैल।
प्रदेश की अनाज मंडियों में अपनी मांगों को लेकर आढ़तियों की तरफ से सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। फसली सीजन के दौरान मंडियों में सरसों व गेहूं की खरीद न होने पर किसानों में रोष है। यह बात झोरड खाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद झोरड़ ने प्रेस को जारी ब्यान में कही। उन्होंने बताया कि सरकार सरकार हर रोज नई नई नीति अपना रही है।
जिसको लेकर सभी आढ़तियों ने अनाज मंडी में कोई भी आढ़ती किसान की फसल की ढेरी को न ही बेचेगा, न ही खरीदेगा और न ही दुकान के अंदर रखेगा। उन्होंने बताया कि आढ़तियों की तरफ से कहा गया है कि जब तक सरकार आढ़तियों की मांगें नहीं मानती है तो आढ़ती किसी भी तरह से फड़ पर किसी भी तरह का तोल के लिए कांटा नहीं लगने देगें। उन्होंने कहा कि सरकार यह नीति लागू कर आढ़तियों के कारोबार को तबाह करना चाहती है।
झोरड़ ने कहा कि सरकार किसानों व आढ़तियों का आपसी भाईचारा खराब करने का कार्य कर रही है। सरकार के इस फैसले से आढ़तियों के अतिरिक्त लेबर सहित अन्य को काफी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि आढ़त की कमीशन का कानून पिछले कई वर्षों से चलता आ रहा है।
जिसके जरिए सरकार फसल की खरीद आढ़तियों के जरिए करती है, लेकिन सरकार से बहुत कम कमीशन लेकर आढ़ती फसल की लिफ्टिंग, देखभाल, बारदाना, सिलाई लेबर आदि की जिम्मेवारी निभाते है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इस मामले को जल्द हल किया जाए, ताकि किसानों को सरसों, गेहूं, जौं, चने आदि फसलें बेचने में परेशानी का सामना न करना पड़े।