पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जोरशोर से उठा मीट की दुकानों को सील करने का मुद्दा, कोर्ट ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट

मीट की दुकानों | Khabrain Hindustan | Punjab Haryana High Court

सिरसा। गुरुद्वारा दसवीं पातशाही सिरसा की ओर से सिरसा के वाल्मीकि चौक एवं महाराणा प्रताप चौक पर स्थित मीट की दुकानों को स्थाई तौर पर सील करने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ गई है।

इस सिलसिले में सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में हुई महत्वपूर्ण सुनवाई में गुरुद्वारा साहिब की ओर से अधिवक्ता अर्पणदीप नरूला व सहायक अधिवक्ता राघव मेहता ने संयुक्त रूप से पुरजोर मांग उठाई कि इन मीट की दुकानों को बंद कराने के लिए वर्ष 2017 से ही ये मामला न्यायालय में विचाराधीन है।


न्यायालय ने नगर निकाय विभाग के आलाधिकारियों व सिरसा के तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी अतर सिंह से रिपोर्ट तलब की थी। उस दौरान न्यायालय के समक्ष प्रशासनिक तंत्र की ओर से कहा गया था कि सिरसा में 60 मीट की दुकानें हैं और याचिका के बाद उन्हें नोटिस देकर बंद करवाया गया है।


अधिवक्ता अर्पणदीप नरूला व सहायक अधिवक्ता राघव मेहता ने बताया कि प्रशासनिक तंत्र की ओर से प्रस्तुत की गई रिपोर्ट पूरी तरह से तथ्यों से परे और आधारहीन थी क्योंकि कुछ समय की स ती के बाद मीट की सभी दुकानें पहले की तरह ही नियमित रूप खुल जाती हैं जिसका तस्वीरों के माध्यम से प्रत्यक्ष प्रमाण न्यायालय में रखा गया।


अधिवक्ता नरूला व मेहता के मुताबिक निकाय विभाग के आलाधिकारियों ने न्यायालय को बताया गया कि हरियाणा में महज तीन जिलों में ही मीट की दुकानें संचालित की जा रही हैं और इन जिलों में सिरसा जिला शामिल नहीं है। दोनों अधिवक्ताओं ने बताया कि ये मामला कोरोना के चलते कुछ समय तक ठंडे बस्ते में था मगर अब पुन: न्यायालय इस मुद्दे पर गंभीर है।


सोमवार को उक्त दोनों अधिवक्ताओं ने इस मामले में एक नई याचिका लगाकर सिरसा में इन मीट की सभी दुकानों को स्थाई तौर पर सील करने का आग्रह किया है, जिस पर हाई कोर्ट ने स्थानीय निकाय विभाग से मामले की वर्तमान स्थिति संबंधी रिपोर्ट तलब की है। न्यायालय के इस कदम से उम्मीद पैदा हो गई है कि शीघ्र ही याचिका पर कोई सकारात्मक कदम उठाया जाएगा।

बता दें कि सिरसा में मीट की अवैध रूप से चल रही दुकानों के खिलाफ शहर के लोग लंबे अरसे से संघर्ष कर रहे हैं पर संबंधित अधिकारियों की अनदेखी के कारण लोगों की मांग पूरी नहीं हो रही। विभाग द्वारा शहर से बाहर स्लाटर हाऊस भी बनाया गया है पर स्लाटर हाऊस सफेद हाथी बना हुआ है। इसके अलावा किसी भी प्रकार के मीट की डॉक्टरों द्वारा जांच नहीं की जा रही। जिसके चलते बीमारियां फैलने का भी भय बना हुआ है।

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