चंडीगढ़। हरियाणा में कांग्रेस पार्टी में फिर से कलह शुरू होने के संकेत मिलने लगे हैं।
शनिवार को सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने उकलाना में प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि अगर हरियाणा में लोकसभा प्रत्याशियों की टिकटें ढंग से दी जाती तो सीटें और ज्यादा जीत सकते थे।
सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा में टिकट वितरण पर सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में टिकटों का वितरण सही नहीं हुआ। अगर सही तरीके से टिकट दी जातीं तो कांग्रेस 10 में से 8 सीट जीत सकती थी।
कांग्रेस हाईकमान पर सवाल उठाते हुए सैलजा ने कहा कि उन्हें ग्राउंड रियलिटी की समझ नहीं है। हरियाणा के इंचार्ज को भी समझ नहीं है। अगर समझ होती तो वे सबसे बातचीत करके या फीडबैक लेकर ढंग से टिकट का वितरण करते।
इससे पहले कांग्रेस की कलह के चलते पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पुत्रवधू एवं तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। वे कांग्रेस पार्टी में होते हुए पार्टी के नेताओं पर अनदेखी के आरोप लगाती रही।
लोकसभा चुनावों के दौरान जयप्रकाश व बिरेंद्र सिंह के बीच भी वाक युद्ध सुनने को मिला था।
उधर पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव भी पार्टी हाईकमान पर कई दिनों से मुखर होकर बोल रहे है। उनका भी आरोप है कि गुरुग्राम की टिकट पार्टी से जीताऊ कंडीडेट को न देकर बाहरी कंडीडेट को दे दी।
गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी के अनुभव भी कांग्रेस के साथ खटे प्रतीत हो रहे है।
कुल मिला कर यह कहा जा सकता है कि अब जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव निकट आएंगे कांग्रेस में सीटों को लेकर व मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर कांग्रेस दो धड़ों में एक-दूसरे के खिलाफ आग उगलने में कोई कोर कसर नहीं छोडऩे वाले।
लोगों का कहना है कि एक ही पार्टी (कांग्रेस) के नेता एक-दूसरे के खिलाफ इस प्रकार मुखर होकर बोलते रहते है ये कोई नई बात नहीं है पर पार्टी हाईकमान मौन धारण कर यह सब देखता रहता है।
इससे चुनावों में परिणामों पर असर पड़ता है। लोग भी कन्फयूज हो जाते है कि वे किस ग्रुप के साथ लगें।