सीडीएलयू में आरक्षण व यूजीसी के नियमों की अवहेलना

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विवादों के घेरे से बाहर नहीं निकल रहा चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय का प्रशासन

सिरसा, 22 जून। सिरसा में स्थित चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय का विवादों के साथ पुराना नाता है। आए दिन किसी ने किसी मामले को लेकर विवादित रहने वाली सीडीएलयू अपनी छवि निरंतर बिगाड़ती जा रही है।

नौकरियों की भर्ती हो, पदोन्नति हो या फिर दाखिलों की बात हो सीडीएलयू पर आरक्षण व यूजीसी के नियमों की अवहेलना के आरोप वर्षों से लगते आ रहे है। अब सीडीएलयू के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए संगठन तैयार हो चुके है।

अब फिर ऐसा एक मामला सामने आया है जिसमें सीडीएलयू प्रशासन पर आरोप लगे है कि लगातार आरक्षण व यूजीसी के नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है और पीएचडी के दाखिलों में भी यूजीसी व भारत सरकार द्वारा जारी नियमों की अवहेलना कर रहा है।

इसके अलावा हरियाणा के अन्य विश्वविद्यालयों में भी आरक्षण के नियमों के साथ छेड़छाड़ का मामला संज्ञान में आया है। छात्रों ने अनेकों बार ज्ञापन व मांग-पत्र इस विषय में सरकार को सौंपे हैं, किंतु सरकार की तरफ से कोई कार्यवाही व सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है।

ऐसी स्थिति के चलते डॉ. राजेश मेहंदिया ने तीसरे मोर्चे का गठन कर प्रदेश भर के लोगों से बातचीत की है तथा आंदोलन की तैयारी की जा रही है।

इसी कड़ी में गत दिवस अतिरिक्त उपायुक्त फतेहाबाद के माध्यम से सात सूत्रिय ज्ञापन पत्र राज्यपाल व मुख्यमंत्री हरियाणा के नाम सौंपा है।

उपरोक्त मामले में डा. राजेश मेहंदिया ने विश्वविद्यालय प्रशासन व हरियाणा सरकार की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि सिरसा व फतेहाबाद के छात्रों को अधिकारों से वंचित रखना व भारत सरकार के नियमों के उल्लंघन के चलते छात्रों में विशेष रोष है।

इस मामले को लेकर लोकसभा चुनाव के दौरान सिरसा जिले के छात्रों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया था, किंतु शासन व प्रशासन की बेरुखी के चलते इसका खामियाजा सरकार को लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ा था।

समय रहते यदि इन समस्याओं का सकारात्मक समाधान नहीं हुआ तो आने वाले विधानसभा चुनाव में भी सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

डॉ. राजेश मेहंदिया ने बताया कि यूजीसी के नियमों की अनुपालना के लिए प्रदेश स्तर के विद्यार्थी आंदोलन का हिस्सा बनेंगे, जिसकी तैयारी की जा चुकी है। इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी।

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