सीडीएलयू बनी सरकारी कार्यक्रमों का ठिकाना, विद्यार्थियों की पढ़ाई व रिसर्च कार्यों में विघ्न

सीडीएलयू | Khabrain Hindustan | विद्यार्थियों की पढ़ाई व रिसर्च |

फैकल्टी हाउस में भाजपा से जुड़े लोगों का कब्जा, लोकसभा चुनावों में प्रत्याशी भी रहे लंबे समय

सिरसा, 2 जुलाई। सीडीएलयू (चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय) दस सालों से सरकारी कार्यक्रमों का बेहतरीन ठिकाना बना हुआ है।

हर माह कई कार्यक्रम सरकारी होते हैं। हाल ही में बीपीएल परिवारों के प्लॉट आवंटन का कार्यक्रम भी यहां हुआ।

जब से प्रदेश में बीजेपी की सरकार आई तब से ही यहां पर सरकारी कार्यक्रमों का सिलसिला तेज हुआ। पिछले 10 साल की बात करें तो एक साल में दर्जनों की संख्या में कार्यक्रम हो रहे हैं।

सीडीएलयू का एमपी हॉल बीजेपी नेताओं को खूब रास आया हुआ है। कोई भी कार्यक्रम हो यहीं पर फाइनल किया जाता है।

ऐसे कार्यक्रम जिनका शिक्षा से कोई सरोकार ही नहीं होता यहां पर हो रहे हैं। स्वाभाविक है कि इससे सीडीएलयू के विद्यार्थियों की पढ़ाई व रिसर्च कार्य बाधित हो रहे हैं।

पर इसकी परवाह न तो सरकार को है और न ही बीजेपी नेताओं व सीडीएलयू प्रशासन को।

दरअसल कांग्रेस की सरकार में सीडीएलयू में एमपी हॉल बना था। जिस उद्देश्य शिक्षा से संबंधित कार्यक्रम व अनेक प्रकार की गतिविधियां यहां आयोजित करना था।

पर जब से प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी तो इस एमपी हॉल का उद्देश्य शैक्षणिक गतिविधियां न होकर राजनीतिकरण हो गया। कार्यक्रमों में भीड़ को बुलाया जाता है। भीड़तंत्र को देखकर विद्यार्थी भी चकित हो रहे हैं।

कार्यक्रमों के दौरान यूनिवर्सिटी का स्टाफ भी ड्यूटी पर रहता है जिससे यूनिवर्सिटी के अनेक कार्य प्रभावित होना भी स्वाभाविक है।

इस मामले में सीडीएलयू के वीसी प्रो. अजमेर सिंह ने कहा कि इस बारे सीडीएलयू के प्रवक्ता सीडीएलयू की तरफ से अपना पक्ष रखने के लिए अधिकृत हैं।

सीडीएलयू के प्रवक्ता डॉ. अमित सांगवान ने कहा कि यूनिवर्सिटी सरकार की हैं और सरकारी कार्यक्रमों के लिए सरकार सीडीएलयू के एमपी हॉल को यूज कर सकती है। कार्यक्रम होते रहें तो मेंटेन रहता है।

फैकल्टी हाऊस के सबके लिए दरवाजे खुले

बीजेपी सरकार में सीडीएलयू के फैकल्टी हाउस का भी जमकर दुर्र उपयोग हो रहा है। यहां पर प्रभावशाली लोग जमावड़ा लगाए रखते हैं।

यहां तक कि लोकसभा चुनावों में पार्टी विशेष के लोग भी लंबे समय तक यहां पर डेरा जमाए बैठे रहे। सरकारी रेस्ट हाऊस होने के बावजूद सरकार में प्रभाव रखने वाले लोग सीडीएलयू के फैकल्टी हाउस में ही ठहरना पहली पसंद रखते हैं।

इस बारे में सीडीएलयू के एसडीई एवं फैकल्टी हाउस के प्रभारी रजत कुमार ने कहा कि यहां पर कोई नहीं रूकता जो रूकता है उससे निर्धारित राशि वसूल की जाती है।

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