एक बार फिर सिरसा लोकसभा से मैदान में उतरी कुमारी सैलजा

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कुमारी सैलजा का सिरसा से रहा है पुराना नाता, वे खुद दो बार तो उनके पिता चौ. दलबीर सिंह भी यहां से चार बार सांसद बने


सिरसा, 26 अप्रैल। चुनावी रणभेरी बजने के बाद लोकसभा प्रत्याशियों के मैदान में उतरने का सिलसिला शुरू हो गया था। सबसे पहले बीजेपी ने डॉ. अशोक तंवर को मैदान में उतारा था। उसके बाद इनेलो ने संदीप लोट व जेजेपी ने रमेश खटक को मैदान में उतार दिया था। पर कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवार को मैदान में उतारे जाने को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता थी।

बीती रात को कांग्रेस द्वारा जारी की गई सूची में सिरसा से कुमारी सैलजा को टिकट दी गई है। अब रण सज गए है। सभी प्रत्याशी प्रचार में तेजी लाएंगे। कुमारी सैलजा शायद रविवार को सिरसा पहुंचेंगी। उसके बाद चुनावी माहौल का रंग गहरा होगा।

इस बार कुमारी सैलजा के मैदान में आने से बीजेपी की जीत की डगर कठिन होगी। बीजेपी भी इस सीट से जीत हासिल करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोडऩा चाहती। कांग्रेस की तरफ से कुमारी सैलजा के मैदान में उतरने की संभावना को लेकर बीजेपी पहले से ही रणनीति बनाने में जुट गई थी।


अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, हरियाणा कांगे्रस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, उत्तराखंड की प्रभारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सीडब्ल्यूसी की सदस्य कुमारी सैलजा का सिरसा शुरूआती राजनीतिक कर्मक्षेत्र रहा हैैं। सैलजा के मैदान में आने से सिरसा सीट पर राजनीति अलग ही करवट ले रही है। स्वाभाविक है कि अब सिरसा सीट होट सीट बनेगी।


कुमारी सैलजा को राजनीति विरासत में मिली है। वे चार बार लोकसभा की सदस्य रहने के अलावा एक बार राज्यसभा सदस्य और तीन बार केंद्र में मंत्री रह चुकी हैं। 1991 में वे नरसिम्हा राव सरकार में उप शिक्षा मंत्री रहीं।

2004 में मनमोहन सरकार में वे आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री रहीं। 2009 से 2012 तक वे सामाजिक अधिकारिता, जबकि 2012 से 2014 तक पर्यटन मंत्री रहीं। 2014 में कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया। सितंबर 2019 में उन्हें हरियाणा प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया।

कुमारी सैलजा अपने पिता चौ. दलबीर सिंह के निधन के बाद साल 1988 में सियासत में सक्रिय हुईं। उनके पिता के निधन के बाद 1988 में हुए उपचुनाव में कुमारी सैलजा ने सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन कामयाबी नहीं मिलीं।

सैलजा 1991 और 1996 में सिरसा से, जबकि 2004 और 2009 में अंबाला से सांसद चुनी गईं। सैलजा ने अब तक के राजनीतिक सफर में करीब सात संसदीय चुनाव लड़े। वे 1988, 1991, 1996 और 1998 में सिरसा से जबकि 2004, 2009 और 2014 में अंबाला से चुनाव लड़ चुकी हैं।


कुमारी सैलजा को संगठन में भी बड़ा लंबा अनुभव है। 1990 में कुमारी सैलजा को हरियाणा महिला कांग्रेस का प्रधान भी चुना गया। इसके अलावा वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्य रहने के अलावा कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य भी हैं।

वर्तमान में कुमारी सैलजा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव हैं। उन्हें उत्तराखंड का प्रभारी नियुक्त किया गया है ।
कुमारी सैलजा ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव में सिरसा से प्रत्याशी चुनने के लिए आभार व्यक्त किया है। वे कहती है कि सिरसा की जनता जनार्दन को वे यकीन दिलाती हैं कि आप सभी के हक की आवाज को बुलंद रखूंगी।

सिरसा से अब तक बने सांसद
वर्ष सांसद पार्टी
1967 दलबीर सिंह कांग्रेस
1971 दलबीर सिंह कांग्रेस
1977 चांदराम जनता पार्टी
1980 दलबीर सिंह कांग्रेस
1984 दलबीर सिंह कांग्रेस
1989 हेतराम जनता दल
1991 कुमारी सैलजा कांग्र्रेस
1996 कुमारी सैलजा कांग्रेस
1998 डा. सुशील इंदौरा हलोदरा
1999 डा. सुशील इंदौरा इनैलो
2004 आत्मा सिंह गिल कांग्रेस
2009 डा. अशोक तंवर कांग्रेस
2014 चरणजीत रोड़ी इनैलो
2019 सुनीता दुग्गल भाजपा

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