सिरसा रेलभूमि पटे पर जाने से हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे यहाँ रेलमार्ग के विकास के द्वार-बियानी।

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सिरसा रेलभूमि को बचाने के लिए एकजुट होने की है जरूरत-बियानी।

केन्द्र सरकार व रेलवे के आला अधिकारी क्षेत्र में रेलवे के विकास के लिए पटे पर दी गई भूमि पर करे पुनः विचार-बियानी।

रेलभूमि को बचाने के लिए किसानों पर टिकी पक्का मोर्चा लगाने की आस-बियानी।

सिरसा, दिनांक 6 जून, 2024। सिरसा की रेल भूमि पटे पर दिए जाने से हमेशा के लिए बंद हो जायेंगे यहाँ रेलमार्ग के विकास

के द्वार, यह वक्तव्य हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय उपाध्यक्ष समाजसेवी आनन्द बियानी ने कहे। उन्होंने यहाँ पर लगे

सैंकड़ों साल पुराने पेड़ों को जड़ से उखाड़ देने पर भी आपत्ति जताई जिन पर ऋतु परिवर्तन होने पर प्रवासी पक्षी भी आकर

रहते थे। बियानी ने कहा कि रेलमार्ग के विकास के लिए सर्वप्रथम भूमि का होना जरूरी है। अगर यहाँ रेलवे के पास भूमि ही

नहीं होगी तो न ही आतिरिक्त प्लेटफॉर्म बन पायेंगे और न ही बड़े शहरों के लिए रेलगाडि़याँ शुरू हांेगी। बियानी ने कहा कि

कृषि के क्षेत्र में सिरसा कपास, गेहुँ उत्पादन में पूरे देश में अपना स्थान रखता है, परंतु रेलमार्ग सुविधा के अभाव के कारण यह

क्षेत्र औद्योगिक गतिविधिओं में पिछड़ा हुआ है इसीलिए एक लम्बे समय से सिरसा को उपयुक्त रेलमार्ग से जोड़ने की माँग यहाँ

की जनता करती आई है। व्यापारी नेता ने यह भी कहा कि सिरसा एक धर्मनगरी है जिसमें अलग-2 समुदायों के गुरूओं के डेरे

हैं जहाँ लाखों की संख्या में भक्त अपने गुरूओं के दर्शन करने आते हैं, परंतु रेलमार्ग की उचित सुविधा का अभाव हर कोई

महसूस करता है, इन सब बातों को देखते हुए इस क्षेत्र में रेलमार्ग का विकसित होना अति आवश्यक है परंतु यहाँ पर

आतिरिक्त पड़ी रेलभूमि 99 साल के पटे पर दे दी गई। ऐसे में हिसार-अग्रोहा-फतेहाबाद-सिरसा, सिरसा-डबवाली, सिरसा-

ऐलनाबाद रेलमार्ग बनने की माँग कैसे पूरी हो पाएगी। यहाँ के लोग लम्बे समय से रेलवे वाशिंग सैंटर व रेलवे प्रशिक्षण की माँग

भी कर रहे हैं। सिरसा रेलभूमि पटे पर दिए जाने के बाद ये सब माँगें एक सपना बनकर रह जाएंगी क्योंकि इन सब प्रोजेक्टों के

लिए भूमि ही नहीं रहेगी तो प्रोजेक्ट लगना असंभव ही होगा इसलिए क्षेत्र के बुद्धिजीवी लोगों, समाजसेवी व धार्मिक संस्थाओं के

प्रतिनिधिओं, किसान संघर्ष समिति के नेताओं व राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों के नेताओं को एकजुट होकर पटे को रद्द

करवाकर इस भूमि को बचाने का प्रयास करना चाहिए। बियानी ने यह भी कहा कि निकट भविष्य में विधानसभा चुनाव होने हैं

कौनसा स्थानीय नेता रेलवे के क्षेत्र में यहाँ के विकास के प्रति चिन्तित होकर पटे पर दी गई भूमि को रूकवाने में अहम भूमिका

निभाता है, सिरसा की जनता यह भी देखना चाहती है। व्यापारी नेता ने केन्द्र सरकार व रेलवे के आला अधिकारियों से भी आग्रह

किया कि सिरसा में रेलमार्ग के विकास को मद्देनज़र रखते हुए पटे पर दी गई भूमि पर पुनः विचार करें ताकि यहाँ पर भविष्य

में रेलमार्ग का विकास बाधित न हो और देश के बड़े शहरों के लिए अधिक से अधिक रेलगाडियाँ चल सकें।

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