सिरसा — पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने आमजन को आगाह करते हुए कहा है, कि साइबर अपराधी बदलते समय के साथ-साथ ठगी के नए-नए तरीके अपना रहे हैं,और आपको घर बैठे मोटी कमाई का लालच देकर अलग-अलग टास्क पूरा करने का लालच देते हैं । उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी के झांसे में आकर लोग पल भर में लाखों रुपए गंवा बैठते हैं ।
जिला पुलिस द्वारा आमजन को साइबर ठगी से बचने के लिए साइबर एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें आमजन को सोशल मीडिया पर साइबर अपराधियों के द्वारा बिछाए गए जाल के संबंध में जागरूक किया है । पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कई बार साइबर अपराधी आमजन को कुछ मिनटों में लोन दिलाने के नाम पर, नौकरी दिलाने के नाम पर फ्राड करते है
पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण के अनुसार, साइबर अपराधियों ने कई सोशल साइट्स पर जाल बिछा रखा है. कस्टमर केयर नंबर से मिलता-जुलता फेक कस्टमर केयर नंबर अपडेट कर रखे हैं। ऐसे में जब कोई उस नंबर पर सम्पर्क करता है तो कस्टमर केयर नम्बर ऐक्टिव नहीं होता और दूसरे नम्बर से कॉल आती है ।
साइबर अपराधी कस्टमर केयर अधिकारी बनकर बात करते हैं, और लोगों को विश्वास में लेकर निजी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।यदि आपसे कस्टमर केयर के माध्यम से निजी जानकारी प्राप्त करता है तो समझ जाएं कि आप साइबर फ्रॉड के शिकार होने वाले हैं।कभी भी कोई ऐसे अंजान ऐप लिंक डाउनलोड ना करें जिससे कोई व्यक्ति आपके सिस्टम को दूर बैठकर एक्सेस कर ले। आरोपी आपकी एक छोटी सी गलती के लिए बैठे हैं, इसके लिए जागरूकता ही बचाव है।
लोन दिलाने के नाम पर
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जरूरतमंद लोगों को लोन दिलाने के नाम पर रजिस्ट्रेशन फीस, सर्च रिपोर्ट, सर्वे रिपोर्ट, फाइल चार्ज आदि के नाम पर साइबर फ्रॉड किए जा रहे हैं ।प्राइवेट नंबरों से नागरिकों को कम ब्याज दरों पर मनचाहा लोन दिलाने के नाम पर कॉल कर साइबर फ्रॉड का शिकार बना रहे हैं।
कुछ हूबहू डुप्लीकेट वेबसाइट बनाते हैं. उन्होंने कहा कि कभी भी किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक ना करें। कोई भी ऐसी ऐप्लिकेशन डाउनलोड ना करें, जिसे आपके डिवाइस को रिमोट कंट्रोल किया जा सके। किसी को भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा ना करें।
ऑनलाइन फ्रॉड से कैसे बचें
पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले साइबर अपराधी किसी बैंकिंग वेबसाइट की हूबहू डुप्लीकेट वेबसाइट बनाते हैं। जिस पर आरबीआई की सभी शर्त और गाइडलाइन भी मेंशन करते हैं। जो ऐप्स प्रोसेसिंग फीस या प्री क्लोजर फीस ज्यादा मांगे, उनके इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए। अनवेरीफाइड ऑनलाइन बैंकिंग ऐप्स जो उधार देते हों, उनसे बचना चाहिए।
ऐसे फ्रॉड ऐप आपसे आपकी गोपनीय जानकारियां जैसे बैंक खाते संबंधित डिटेल्स, क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारी, पिन कार्ड या एड्रेस मांगते हैं। किसी ऐप से लोन लेने से पहले ऐप स्टोर पर ऐसे ऐप की रेटिंग चेक करें. अगर ऐसे ऐप आरबीआई और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी से जुड़े हुए खुद को बता रहे हैं तो एक बार वेरिफाई जरूर कराएं. किसी भी ‘प्रोसीड’ ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी जरूरी विवरणों को जरूर देखें।
साइबर ठगी होने पर किससे करें संपर्क:
पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने कहा कि साइबर अपराध होने पर अपनी शिकायत साइबर हेल्पलाइन 1930 या https://cybercrime.gov.in पर दर्ज करवाएं ।साइबर पुलिस साइबर अपराधियों के बैंक अकाउंट को फ्रीज करके ठगी गई राशि वापस आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवाई जाएगी।