अपनी कार्यशैली से जनता का दिल जीत लिया केहरवाला ने
शीशपाल का जलवा दिख रहा पूरे कालांवाली हलके में
कोई उम्मीदवार शीशपाल की टक्कर का नहीं, जमानत बचाने की कोशिश
पंजाब और हरियाणा की सीमा पर बसे कालांवाली हलके में इस बार फिर शीशपाल केहरवाला का ही जलवा दिखाई दे रहा है। सत्ता को गरीब की चौखट तक पहुंचाने वाले वे एक ऐसे राजनेता बने।
जिन्होंने विपक्ष में रहते हुए भी सत्ता को गरीब की मदद के लिए मजबूर किया। अपनी कार्यशैली से जनता का दिल जीतने वाले इस खादीपसंद ईमानदार नेता ने अपने हलके की जनता में ऐसी छवि विकसित की है ।
जिसका हर कोई कायल है और बरबस कह उठता है कि शीशपाल का कोई सानी नहीं।
आज पूरे हलके में शीशपाल की टक्कर का कोई उम्मीदवार दिखाई नहीं देता बल्कि सब अपनी जमानत बचाने के प्रयास में लगे हुए हैं। विरोधी दल भाजपा के उम्मीदवार को तो लाेग मिलना ही पसंद नहीं करते।
कालांवाली के लोग एक साफ सुथरी छवि को व्यक्ति को अपना विधायक बनाना चाह रहे थे। उनकी यह चाहत शीशपाल के रूप में पूरी हो चुकी है। अब वे किसी नए चेहरे को नहीं आजमाना चाहते। शीशपाल की पूरे इलाके में शानदार हवा चल रही है।
उनका व्यक्तित्व और कृतित्व ही ऐसा है कि हर कोई उनका मुरीद हो जाता है। मनसा, वाचा, कर्मणा के सिद्धांत को जीवन में आत्मसात करके चलने वाले शीशपाल केहरवाला में कालांवाली के मतदाता अपना भविष्य उज्ज्वल देखते हैं।
उन्हें इस बात का पूरा भरोसा है कि अगर कालांवाली के रिमोट इलाके में विकास की गंगा यदि कोई बहा सकता है तो वह केवल शीशपाल केहरवाला की ही कूवत की बात है, अन्य कोई इस हलके का विकास नहीं कर सकता।
हलके में विकास के अनेक कार्यों के अलावा शीशपाल ने युवाओं को आगे बढ़ाने का भरपूर प्रयास किया।
लोगों को सम्मान देते हुए उनकी हर समस्या का हल करने की कोशिश की। हर दिल में बसने के लिए शीशपाल ने पूरे हलके के हर वर्ग को पूरा मान सम्मान दिया
जिससे उनका स्वयं का सम्मान यहां बहुत बढ़ा और वे हर दिल अजीज नेता बन गए।
बड़ी रैलियां करके दिखाई पकड़
हलका कालांवाली में बड़े नेताओं की विशाल रैलियों का आयोजन करके शीशपाल ने नेतृत्व पर अपनी पकड़ का अहसास करवाया।
रैलियों में उमड़ी विशाल भीड़ ने यह साबित कर दिया कि कालांवाली के असली हीरो शीशपाल ही हैं।
कोई उनके मुकाबले में ही नहीं है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एवं सांसद अमरिंद्र सिंह राजा वड़िंग,
सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा और रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा जैसे बड़े नेता उनके समर्थन में विशाल रैलियां कर चुके हैं जिससे शीशपाल की जीत मुकर्रर हो गई है। उन्हें कालांवाली ने पूरी ताकत दी है।
शीशपाल की जीत को लेकर लग रही शर्तें
कालांवाली हलके में शीशपाल केहरवाला की जीत के अंतर को लेकर शर्तें लग रही हैं। उनकी अधिक से अधिक वोटों से जीत के दावे किए जा रहे हैं।
गांवों की चौपालों से लेकर शहर की बैठकों तक हर जगह शीशपाल के नाम के चर्चे हैं। वे विमर्श की मुख्य भूमिका के किरदार बने हुए हैं।
हलका कालांवाली इस बार शीशपाल की एकतरफा जीत का मन बना चुका है और उनकी सभाओं में आने वाली हाजरी इस बात की गवाही दे रही है।
पूरे हलके में कांग्रेस पार्टी और उसके उम्मीदवार शीशपाल केहरवाला के नाम की आंधी है और इस आंधी में विरोधी दलों के टीन टप्पर उड़ जाएंगे।