सिरसा। आगामी 20 अप्रैल को शिरोमणी भगत धन्ना जी की जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई जाएगी। शिरोमणी भगत धन्ना जी जागृति मंच के अध्यक्ष अमरीक सिंह राही ने बताया कि इस कार्यक्रम में शिरोमणी भगत धन्ना जी के बारे में विस्तार से बताने के लिए बुद्धिजीवी वर्ग से वक्ता पहुंचेंगे। कार्यक्रम का स्थान मंगलवार को मंच की बैठक में फाइनल कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि गत वर्ष प्रदेश की सरकार ने भी शिरोमणी भगत धन्ना जी की जयंती प्रदेश स्तर पर मनाई थी जिसके लिए धन्ना जी के सभी भगत आभार प्रकट करते है। उन्होंने कहा कि जल्द ही जिले में धन्ना जी के नाम पर धार्मिक स्थल बनाया जाएगा।
कार्यक्रम के संयोजक महेंद्र घणघस ने बताया कि धन्ना भगत (जन्म 1415 ई.) एक रहस्यवादी कवि और एक वैष्णव भक्त थे, जिनके तीन भजन आदि ग्रंथ में मौजूद हैं। वह एक कृष्ण भक्त थे। उनके जन्म स्थान को लेकर मत भेद है। कुछ मान्यताओं के अनुसार उनका जन्म स्थान राजस्थान के टोंक जिले में तहसील दूनी के पास धुंवा गांव में हिंदू परिवार में हुआ था।
इनका जन्म बैशाख बुदी 3 संवत 1472 (1415 ई.) को हुआ। इनके पिता का नाम रामेश्वर व माता का नाम गंगा बाई था। बचपन में ही इनके पिता चौरू को छोडक़र अभयनगर जाकर रहने लगे, जिसे वर्तमान मे धुंआकला के नाम से जाना जाता है। चौरू में भी एक हिंदू मंदिर और एक गुरूद्वारा है। धुंआकला में इनके स्थान पर इनका मंदिर और गुरूद्वारा बना हुुुआ है।
हिंदु व सिख धर्म के लोगों मे इनकी गहरी आस्था है। इनके मंदिर से कुछ ही दूरी पर अरावली की पहाडिय़ां है जहां धन्ना भगत जी जिस गुफा में तपस्या करते थे वहां भगवान शिव का प्राचीन मंदिर स्थित है जिसे धुंधलेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। और सिख धर्म के ग्रंथों मे भी धन्ना भगत का उल्लेख है।