चंडीगढ़, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, उत्तराखंड की प्रभारी एवं कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा सरकार की रैलियों में शिक्षा के नाम पर बड़े-बड़े जुमले दिए जाते हैं।
पर जमीनी हकीकत अलग है, कुछ जिलों के स्कूलों में कोई शिक्षक नहीं हैं, नूंह में 197 शिक्षकों के तबादले के बाद कोई टीचर न मिलना यह दर्शाता है कि शिक्षा की गाड़ी का इंजन तो चालू है, पर ड्राइवर गायब है। इस जुमलेबाज सरकार का अंत समय आ चुका है, देश की जनता अब एक-एक जुमले का हिसाब लेगी।
मीडिया को जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा का बेडागर्क करके रख दिया है, शिक्षा को निजी हाथों में सौंपने की साजिश की जा रहा है, सरकारी स्कूलों में सुविधाएं रोकी जा रही है, नियुक्तियों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ये सरकार गरीबों से शिक्षा का हक छीनने में लगी हुई है।
अगर ऐसे ही हालात रहे तो गरीब का बच्चा स्कूल जाने का सपना भी नहीं देख पाएगा। चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद सरकार ने शिक्षकों के तबादले किए है, ऐसे में पांच जिलों के 64 स्कूलों में शिक्षकों के समीकरण ही बिगड़ गए है, करनाल के असंंध में सात, नीलाखेडी में तीन स्कूलों में कोई शिक्षक ही नहीं रहा, सरकार ने बच्चों के भविष्य पर तलवार लटका दी है।
झज्जर के 30 स्कूलों में एक एक टीचर है, गुरूग्राम और कुरूक्षेत्र में ऐसे अनेक स्कूल है जहां पर एक भी टीचर नहीं है अगर है तो एक ही हैं।
उन्होंने कहा है कि सिरसा जिला के 60 स्कूलों में टीचरों की संख्या 20 प्रतिशत कम हो गई हैं। रेवाडी और हिसार में हालात ये है कि वहां के स्कूलों में टीचरों की संख्या 50 प्रतिशत से कम हैं। जब स्कूलों में टीचर ही नहीं होंगेे तो बच्चों को पढाएगा कौन।
बच्चे देश का भविष्य होते है, उन्हें शिक्षा प्रदान की देश का अच्छा नागरिक बनाया जाता है पर सरकार तो उनके भविष्य पर ही तलवार लटका रही है। सरकार का शिक्षा के प्रति रवैया यह दर्शाता है कि शिक्षा की गाड़ी का इंजन तो चालू है, पर ड्राइवर गायब है। इस जुमलेबाज सरकार का अंत समय आ चुका है, देश की जनता अब एक-एक जुमले का हिसाब लेगी।