रण जीत का रण जीतना हो रहा कठिन

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टकशाली लोकदली इनेलो के साथ होने से रानियां में पोता अर्जुन पड़ रहा दादा रणजीत पर भारी

सिरसा। हरियाणा विधानसभा चुनाव रोचक होता जा रहा है। खासकर जब हरियाणा के तीनों लालों के घरानों की बात करें तो इनकी चर्चा देशभर में होने लगती है।

इस बार विधानसभा चुनावों में रानियां विधानसभा से चौ. देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह आजाद प्रत्याशी के तौर पर ताल ठोक रहे हैं। किसी पार्टी ने टिकट नहीं दी तो मैदान में आजाद ही उतर गए। पर उनकी राह कठिन पोते अर्जुन चौटाला ने कर दी है।

दरअसल अर्जुन चौटाला इनेलो की टिकट पर मैदान में हैं। इनेलो की राजनीतिक विरासत उनके पिता अभय सिंह चौटाला व उनके दादा पूर्व मुख्यमंत्री चौ. ओम प्रकाश चौटाला के हाथ में हैं।

चौ. देवीलाल द्वारा लगाया गया इनेलो का पौधा इस लिए मजबूत है क्योंकि टकशाली लोकदली लोग चौ. ओमप्रकाश चौटाला के साथ हैं। स्वाभाविक है कि अर्जुन चौटाला चौ. देवीलाल परिवार में अपना दादा रणजीत सिंह (रणजीत सिंह चौ. ओमप्रकाश चौटाला के भाई हैं) पर भारी पड़ते दिख रहे हैं।

बता दें कि 2019 के चुनावों में रणजीत सिंह ने आजाद चुनाव लड़ा था और वे विधायक बने थे। बाद में भाजपा की झोली में जा बैठे और भाजपा ने उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया।

उस चुनाव में चौ. देवीलाल परिवार का कोई दूसरा कैंडिडेट मैदान में न होने के कारण काफी वोट इनेलो का उनको मिल गया था। पर इस बार इनेलो का वोटर अर्जुन के साथ आ गया है । भाजपा के साथ देने पर रणजीत सिंह को किसान वर्ग की नाराजगी का भी सामना करना पड़ सकता है।

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