या तो जगजीत सिंह डल्लेवाल की जान जाएगी या फिर मांगें पूरी होगी: लखविंद्र सिंह औलख

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कहा, सरकार अपनी हठधर्मिता छोडक़र किसानों से बातचीत कर समस्याओं का करे समाधान

सिरसा। किसानों की 13 प्रमुख मांगों को लेकर किसानों का संघर्ष जारी है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण-अनशन पर हंै।

उन्होंने देश के किसान को बचाने के लिए अपनी जान को दांव पर लगा दिया है। अब या तो उनकी जान जाएगी या फिर सरकार किसानों की मांगों को स्वीकार करेगी।

उक्त बातें बीकेई अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने वीरवा को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। औलख ने कहा कि एमएसपी पर खरीद, कर्जमाफी, किसानों को सही दाम मिलना और अन्य जरूरी मुद्दों को लेकर किसानों द्वारा किसान आंदोलन-2 खनौरी बॉर्डर, शंभु व रतनगढ़ बॉर्डर पर चलाया जा रहा है।

यह धरना आज 311वें दिन में प्रवेश कर चुका है। औलख ने कहा कि हमारा आंदोलन शांतिपूर्वक जारी है, लेकिन सरकार की ओर से कोई सुनवाई नहीं हो रही थी।

ऐसे में संघर्षशील नेता सरदार जगजीत सिंह डल्लेवाल ने आमरण-अनशन शुरू किया, जो आज 24वें दिन भी जारी है। औलख ने कहा हमारी मांगें देशभर के किसानों से जुड़ी हुई है।

हजारों किसान, मजदूर, समाजिक संगठनों और धार्मिक संस्थाओं के लोग लगातार हमारे समर्थन में खड़े हो रहे हैं।

आज भी खनोरी मोर्चे पर लगातार समाज के हर वर्ग का समर्थन हमें मिल रहा है। राजनैतिक पार्टियों के नेता, कलाकार, गीतकार और विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी इस आंदोलन में भागीदारी निभा रहे हैं।

हम सरकार से मांग करते हैं कि वह हमारी आवाज को सुने और जल्द से जल्द हमारे मुद्दों पर ध्यान दें। अगर सरकार ने हमारी मांगों को न माना, तो यह आंदोलन और भी तेज होगा।

उन्होंने आमजन से अपील की कि वे मोर्चे पर जरूर जाएं, ताकि उनकी पीढिय़ां आंदोलन के बारे में पूछे तो वे बता पाएं। यही नहीं जाते वक्त अपने बिस्तर व सामान साथ लेकर जाएं। इस मौके पर उनके साथ सर्वजीत कंबोज, वीरेंद्र ङ्क्षसह, अमरीक सिंह, पवन कासनियां जोधपुरिया मौजूद थे।

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