अंबाला, 20 मार्च। अब शंभू बॉर्डर पर महिलाएं किसान आंदोलन:2 का मोर्चा संभालेंगी। यहां पर पहले से डटे किसान खेतों में फसलों की कटाई करने जाएंगेे। बुधवार को महिला किसान शंभू बॉर्डर जाने के लिए अमृतसर रेलवे स्टेशन पर एकत्रित हुईं। जहां पर महिलाओं के जत्थे का नेतृत्व किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने किया। इस दौरान महिला किसानों ने बताया कि वे आज किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए शंभू बॉर्डर के लिए रवाना हो रही हैं।
उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में खेतों में गेहूं की कटाई शुरू हो जाएगी जिसके लिए किसानों को खेतों में रहना जरूरी है। इसीलिए किसान महिलाएं बॉर्डर पर मोर्चा संभालते हुए इस आंदोलन की कड़ी का बरकरार रखेंगी। उन्होंने कहा कि वो सरकार से अपनी मांगे मनवाने जा रहे हैं। छह महीने तक वो फसल को संभालते हैं और फिर जब मूल्य देने का समय आतत है तो उन्हें फसलों के भाव नहीं मिलते। उन्होंने कहा कि किसान के आलू के 4 रुपए प्रति किलोग्राम रेट मिलते हैं और फैक्ट्री में जाने के बाद चिप्स 250 रुपए में बेचा है।
इस प्रकार किसानों की सारी मेहनत का फायदा कॉर्पोरेट लोगों को मिलता है। यह सब सरकार की नीतियों के कारण हो रहा है। हमारी यही लड़ाई है। महिला किसानों ने कहा कि सरकार सिर्फ नाम का साथ दे रही है। सरकार सिर्फ दिखावा कर रही है।
इस दौरान किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि आज किसान नेता शुभकरण सिंह की अर्थी कलश यात्रा को हरियाणा में 5 दिन हो गए है जिस हरियाणा को सरकार ने दबा कर रखा था वहीं लोग लगातार यात्रा के दर्शन के लिए इक्कठे हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि 22 मार्च को सिरसा में महापंचायत की जाएगी।
उसके बाद 31 मार्च को अंबाला में को जाएगी। इसी तरह राजस्थान के सीकर में भी महापंचायत की जाएगी। पंधेर ने बताया कि आज रेलवे स्टेशन से 800 से 1000 किसान शंभू बॉर्डर के लिए रवाना हो रहे हैं । उन्होंने कहा कि सरकार से मांगे मनवाकर ही मोर्चा खत्म किया जाएगा।