भारतीय छात्र अमेरिका में पार्ट-टाइम जॉब्स छोड़ रहे हैं: ट्रंप के डिपोर्टेशन खतरों के बीच चिंताएं बढ़ीं

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अमेरिका में भारतीय छात्रों के लिए मुश्किल भरे हालात
अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे भारतीय छात्रों को इन दिनों कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। डोनाल्ड ट्रंप के व्हाइट हाउस में वापस आने की संभावना ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों, खासकर F-1 वीज़ा धारकों के बीच चिंताएं बढ़ा दी हैं।

F-1 वीज़ा: काम करने के नियम और चुनौतियां

F-1 वीज़ा के तहत काम करने के नियम:

  • F-1 वीज़ा धारकों को केवल कैंपस के भीतर 20 घंटे प्रति सप्ताह काम करने की अनुमति है।
  • अतिरिक्त आय के लिए कई छात्र रेस्टोरेंट, गैस स्टेशन या रिटेल स्टोर्स में गैर-कानूनी तरीके से काम करते हैं।

गैर-कानूनी काम का जोखिम:

  • ऐसे काम वीज़ा नियमों का उल्लंघन करते हैं और डिपोर्टेशन का खतरा बढ़ाते हैं।
  • छात्रों को भारी आर्थिक नुकसान और उनके शैक्षणिक सपनों के टूटने का डर रहता है।

डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से बढ़ी चिंताएं

पूर्व प्रशासन की सख्ती:

  • ट्रंप प्रशासन ने पहले भी कड़े इमिग्रेशन नियम लागू किए थे।
  • गैर-कानूनी काम करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई थी।

छात्रों के बीच डर:

  • छात्रों को डर है कि ट्रंप की नीतियां दोबारा लागू हो सकती हैं।
  • एक छात्र ने कहा, “मैंने अपनी नौकरी छोड़ दी क्योंकि डिपोर्टेशन का खतरा मोल नहीं ले सकता, खासकर $50,000 के एजुकेशन लोन के बाद।”

भारतीय छात्र क्यों छोड़ रहे हैं पार्ट-टाइम जॉब्स?

  1. डिपोर्टेशन का डर:
    • गैर-कानूनी काम करने से वीज़ा नियमों का उल्लंघन होता है।
    • ट्रंप प्रशासन के तहत डिपोर्टेशन की संभावना अधिक है।
  2. आर्थिक दबाव का प्रभाव:
    • छात्रों को भारी शिक्षा ऋण चुकाना होता है।
    • अमेरिका में जीवन यापन का खर्च अधिक है।
  3. इमिग्रेशन नीतियों की अनिश्चितता:
    • छात्रों को नियमों के सख्त होने की चिंता है।
    • छोटे से नियम उल्लंघन के बड़े परिणाम हो सकते हैं।

भारतीय छात्रों की आर्थिक चुनौतियां

अमेरिका में जीवन यापन का खर्च:

  • किराया, ट्यूशन फीस, और रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी करना कठिन है।
  • पार्ट-टाइम जॉब छोड़ने से छात्रों की वित्तीय स्थिति बिगड़ रही है।

छात्रों की कहानियां:

  • रवि शर्मा, कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय के छात्र:
    “मैंने अपनी बचत का सहारा लेना शुरू किया और गैर-ज़रूरी खर्चों को कम कर दिया है।”
  • प्रिया रेड्डी, टेक्सास विश्वविद्यालय की छात्रा:
    “मैंने बजट प्रबंधन वर्कशॉप्स में भाग लेना शुरू किया है। इससे मेरी सीमित संसाधनों को सही तरीके से इस्तेमाल करने में मदद मिल रही है।”

विशेषज्ञों की राय: वीज़ा अनुपालन और कानूनी विकल्प

  1. वीज़ा नियमों का पालन करें:
    • छात्रों को F-1 वीज़ा के नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए।
    • इमिग्रेशन वकीलों का सुझाव है कि गैर-कानूनी काम से बचें।
  2. कानूनी विकल्पों की तलाश करें:
    • कैंपस में उपलब्ध नौकरियों जैसे कि रिसर्च असिस्टेंटशिप और टीचिंग असिस्टेंटशिप को प्राथमिकता दें।
    • विश्वविद्यालय द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता और आपातकालीन फंड का लाभ उठाएं।

विश्वविद्यालय छात्रों की कैसे मदद कर रहे हैं?

कैंपस जॉब्स का विस्तार:

  • विश्वविद्यालय कैंपस में अधिक नौकरियां उपलब्ध करा रहे हैं।

वित्तीय सहायता:

  • छात्रों के लिए वित्तीय सहायता और आपातकालीन फंड बढ़ाए जा रहे हैं।

मानसिक स्वास्थ्य समर्थन:

  • वित्तीय दबाव और इमिग्रेशन चिंताओं को कम करने के लिए परामर्श सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।

भारतीय छात्रों के लिए सुझाव: खर्च प्रबंधन और वीज़ा अनुपालन

  1. कैंपस में रोजगार खोजें:
    • लाइब्रेरी असिस्टेंट, प्रशासनिक कार्य, या रिसर्च पोजीशन की तलाश करें।
  2. बजट बनाएं:
    • मासिक बजट तैयार करें और गैर-ज़रूरी खर्चों को कम करें।
  3. विश्वविद्यालय की सेवाओं का उपयोग करें:
    • वित्तीय सहायता कार्यक्रम, छात्र छूट, और विश्वविद्यालय के भोजन योजनाओं का लाभ उठाएं।
  4. वीज़ा नियमों के बारे में जानकारी रखें:
    • अपने डेजिग्नेटेड स्कूल ऑफिशियल (DSO) या इमिग्रेशन एडवाइजर से नियमित संपर्क में रहें।

आगे की राह: उम्मीदें और चिंताएं

भारतीय छात्रों के लिए भविष्य चुनौतीपूर्ण लेकिन आशा से भरा है। विश्वविद्यालय और भारतीय समुदाय का समर्थन उनकी मदद कर सकता है। छात्रों की कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प उनके सपनों को साकार करने में मदद करेगा।

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