महापरिनिर्वाण दिवस के अंतिम दिन श्रद्धालुओं ने श्रद्धा से नवाया शीश, हुए अनेक धार्मिक कार्यक्रम
सिरसा। मुख्य डेरा भूमणशा, ग्राम बाबा भूमणशाह (संगरसाधा सिरसा) में महान उदासीन संत बाबा भूमणशाह महाराज के 277वें महापरिनिर्वाण दिवस पर गद्दीनशीन संत बाबा ब्रह्मदास महाराज ने देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं को बाबा भूमणशाह के 277वें महापरिनिर्वाण दिवस की शुभकामनाएं दी और आशीर्वाद दिया।
उन्होंने कहा कि बाबा भूमणशाह ने अपना संपूर्ण जीवन दीन दुखियों की सेवा और मानवता की भलाई में व्यतीत किया, इसलिए हम सभी को महापुरूषों के बताए हुए मार्ग पर चलकर देश सेवा, समाज सेवा को हमेशा तत्पर रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भू्रण हत्या बहुत बड़ा पाप है, क्योंकि वर्तमान युग में बेटियां हर क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर रही है। इसलिए हमें अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि नशे से दूर रहते हुए अपने उज्जवल भविष्य का निर्माण करना चाहिए,
क्योंकि युवा वर्ग ही राष्ट्र के निर्माता होते हंै। बाबा ब्रह्मदास महाराज ने कहा कि धरा पर अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए, ताकि हमें स्वच्छ हवा व स्वस्थ जीवन उपलब्ध हो सके। धर्मांतरण पर विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के लालच, मोहमाया में न पडक़र हमें कभी भी धर्मांतरण नहीं करना चाहिए,
क्योंकि गुरु गोबिंद सिंह महाराज ने अपना सारा परिवार धर्म की रक्षा में न्यौछावर कर दिया था। महापरिनिर्वाण दिवस पर बरसात के बावजूद भी श्रद्धालुओं की श्रद्धा में कोई कमी नहीं आई और दिन भर डेरे में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा।
श्रद्धालुओं ने बाबा ब्रह्मदास महाराज का सत्संग सुना और श्रद्धा से शीश नवाया। इसके बाद लंगर का प्रसाद छका। महापरिनिर्वाण दिवस पर अनेक मंत्रियों, राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों व अनेक सामाजिक संगठनों ने बाबा का सत्संग सुना व आशीर्वाद लिया।
बाबा ब्रह्मदास महाराज ने बरसात के मौसम में श्रद्धालुओं द्वारा की जा रही सेवा की प्रशंसा की। धार्मिक कार्यक्रम में देशभर से आए साधु-संतों ने भी बाबा ब्रह्मदास महाराज का सत्संग सुना और आशीर्वाद लिया।