पुलिस और आरटीओ अथॉरिटी द्वारा खंगाले गए रिकॉर्ड के मुताबिक पता चला है कि यह स्कूल पिछले 21 साल से चल रहा है. इस स्कूल के चेयरमैन पूर्व नगरपालिका प्रधान और कष्ट निवारण समिति के सदस्य राजेंद्र सिंह लोढा हैं. स्कूल के प्रिंसिपल के नाम संचालित 12 बसों में से 7 बसों की अवधि साल 2018 में पूरी हो चुकी है.
हरियाणा के महेंद्रगढ़ में गुरुवार को जीएल पब्लिक स्कूल की बस पलटने से छह बच्चों की मौत हो गई और करीब 20 छात्र घायल हो गए थे. इस मामले में गिरफ्तार किए गए स्कूल बस के आरोपी चालक, प्रिंसिपल और शिक्षा समिति के सचिव को पुलिस ने पांच दिन की रिमांड पर लिया है. रिमांड अवधि के दौरान पुलिस आरोपियों से चालक का लाइसेंस, मोबाइल रिकार्ड सहित बस कागजात बरामद करेगी.
वहीं, पुलिस और आरटीओ अथॉरिटी द्वारा खंगाले गए रिकॉर्ड के मुताबिक पता चला है कि यह स्कूल पिछले 21 साल से चल रहा है. इस स्कूल के चेयरमैन पूर्व नगरपालिका प्रधान और कष्ट निवारण समिति के सदस्य राजेंद्र सिंह लोढा हैं. स्कूल के मैनेजिंग डायरेक्टर उनके बेटे सुभाष लोढा हैं. आरटीओ सचिव की ओर से जीएल स्कूल की 12 बसों का ऑनलाइन रिकार्ड खंगाला गया, तो चौंकाने वाले खुलासे हुए।
खत्म हो चुकी है बसों की अवधि
स्कूल के प्रिंसिपल के नाम संचालित बसों में से 7 बसों की अवधि साल 2018 में पूरी हो चुकी है. वहीं, दो बसों की वैधता साल 2011 में खत्म हो चुकी थीं. एक क्रूजर और स्कॉर्पियो की वैधता साल 2009 में ही खत्म हो चुकी है. केवल मात्र एक बस एचआर 66 0458 है, जिसके कागजात आगामी 11 मई 2024 तक बचे हुए हैं.
दुर्घटना का शिकार हुई बस का साल 2023 में भी चालान किया गया था. बिना फिटनेस वाली बसें कई साल से मासूस छात्रों की जान से खिलवाड़ कर रही हैं. मगर, प्रशासन ने पहले कभी भी इनके कागजात चेक करने की जहमत नहीं उठाई.