फर्जी वेबसाइट से रहें सावधान, सजग रहे एवं सतर्क रहें: पुलिस अधीक्षक डबवाली

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डबवाली, 7 मई । पुलिस अधीक्षक डबवाली ने आमजन को फर्जी वेबसाइट के जरिए हो रही धोखाधड़ी से जागरूक करते हुए कहा है कि धोखाधड़ी करने के लिए एक तरीका वेबसाइट स्पूफिंग का भी है ।

इसमें अपराधी फर्जी वेबसाइट बनाते है और लोगों के साथ धोखाधड़ी करते हैं। लोग अपना ज्यादातर समय स्मार्टफोन या लैपटॉप पर बिताते है।

ज्यादातर लोग अपने बैंकिंग से जुड़े कामकाज भी ऑनलाइन ही करते हैं ऐसे में साइबर अपराधी भी इसका फायदा उठा रहे हैं। साइबर अपराधी लोगों को अपने झांसे में फंसाकर कुछ मिनटों में उनका बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं।

वेबसाइट स्पूफिंग

वेबसाइट स्पूफिंग में एक फर्जी वेबसाइट बनाई जाती है, जिसका मकसद धोखाधड़ी करना होता है। फर्जी वेबसाइट को असली दिखाने के लिए,अपराधी असल वेबसाइट के नाम, लोगो, ग्राफिक्स और उसके कोड का भी इस्तेमाल करते हैं।

वे आपकी ब्राउजर विन्डो के टॉप पर एड्रेस फील्ड में दिखने वाले यूआरएल की भी नकल कर लेते हैं। इसके साथ नीचे दायीं तरफ दिए पैडलॉक आइकन की भी नकल करते हैं।

धोखाधड़ी करने का तरीका
उन्होंने कहा है कि साइबर अपराधी फर्जी वेबसाइट का लिंक आपको ईमेल, एसएमएस, सोशल साइट्स के जरिए भेजते हैं, जिसमें आपको अकाउंट से संबंधित जानकारी को अपडेट या कन्फर्म करने के लिए कहा जाता है।

इसके जरिए मकसद अकाउंट से संबंधित संवेदनशील जानकारी को चुराना होता है। इसमें आपकी इंटरनेट बैंकिंग यूजर आईडी,पासवर्ड, पिन, क्रेडिट / डेबिट कार्ड, बैंक अकाउंट नंबर, कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू ओटीपी नंबर आदि शामिल होता है।

इन बातों का रखें ध्यान
पुलिस अधीक्षक महोदय ने कहा है कि आप इस बात का ध्यान रखें कि बैंक कभी भी आपसे गोपनीय जानकारी को पूछने के लिए ईमेल, एसएमएस आदि नहीं भेजता है।

अगर आपको ईमेल, एसएमएस मिलता है, जिसमें आपसे आपकी इंटरनेट बैंकिंग सिक्योरिटी डिटेल्स जैसे पिन, पासवर्ड या अकाउंट नंबर मांगा जाता है, तो आपको जवाब उसका नहीं देना चाहिए।

इसके अलावा ब्राउजर के विन्डो में कहीं पैडलॉक आइकन दिया जाता है। उदाहरण के लिए, माइक्रोसॉफ्ट इंटरनेट एक्सपलोरर में ब्राउजर विन्डो में नीचे दायीं तरफ लॉक आइकन मौजूद होता है।

अपने वेब ब्राउजर में इस पर क्लिक या डबल क्लिक करके आप वेबसाइट की सिक्योरिटी की डिटेल्स को देख सकते हैं।

यह चेक करना महत्वपूर्ण है कि सर्टिफिकेट किसके नाम पर जारी किया गया है, क्योंकि कुछ फर्जी वेबसाइट्स में ब्राउजर के पैडलॉक आइकन से मिलता-जुलता पैडलॉक आइकन हो सकता है।

सजग रहें एवं सतर्क रहें
किसी भी प्रकार की साइबर ठगी होने पर राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर डायल करें।

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