पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता मनीष ग्रोवर ने घर बुलाकर पत्रकारों को दी जान से मारने की धमकी 

पत्रकारों | Khabrain Hindustan | जान से मारने की धमकी | बीजेपी नेता मनीष ग्रोवर | हिंदुस्तान टाइम्स के रिपोर्टर |

हरियाणा में हिंदुस्तान टाइम्स के रिपोर्टर सुनील राहड़ और मनोज ढाका के साथ मनीष ग्रोवर और उनके बेटे हिमांशु ग्रोवर ने बदतमीज़ी की, गालियाँ दीं और कहा कि अगर कोई खबर लगाई तो रोहतक में ज़िंदा नहीं छोड़ेंगे ।

सुनील राहड़ और फ़ोटो जर्नलिस्ट मनोज डाका को जान से मारने की धमकी दी गई दोनों ही पत्रकार अपनी मेहनत के दम पर यहां तक पहुंचे है।

सुनील राहड़ ने अपनी पत्रकारिता से हर पार्टी के नेताओं को आड़े हाथों लिया है। अपनी पत्रकारिता के दम पर सभी पार्टियों के नेताओं को कटघरे में खड़ा किया है उनसे सवाल किए है।

यही पत्रकारिता का धर्म है।इस तरह पत्रकार को धमकी देना गलत है । पत्रकार किसी की धमकी से डरने वाला नही है । ऐसे ही कलम चलती रहेगी । यहाँ से लग रहा है बीजेपी नेता मनीष ग्रोवर बोखला गए है।

इसलिए दोनो पत्रकार को सुरक्षा मिलनी चाहिए। पत्रकारों को धमकी देने वाले भाजपा नेता पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। पत्रकारों के साथ खड़ा होना चाहिए ऐसे नेताओं को ये बता देना चाहिए कि तुम्हारी धमकियों से पत्रकार डरने वाले नही है ।

मनीष ग्रोवर की छवि पहले भी दाग़दार रही है, बूथ कैप्चरिंग और करप्शन के आरोपों के अलावा महिलाओं को भी अश्लील इशारे करने के आरोप लगे हैं. महिलाओं ने जब इसके ख़िलाफ़ धरना दिया तो माफ़ी भी माँग ली थी !           

अभय चौटाला ,   अभय चौटाला ने ट्वीट करके पूर्व मंत्री और बेजपी नेता मनीष ग्रोवर पर तंज कसते हुए कहा कि आज प्रदेश में कोई सुरक्षित नही है ।

पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता मनीष ग्रोवर ने घर बुलाकर पत्रकारों को दी जान से मारने की धमकी देने के मामले की निंदा करता हूँ।

जहाँ अपराधियों का मनोबल बढ़ता जा रहा है वहीं सरकार के नेताओं द्वारा ऐसा आचरण अक्षम्य है । में bjp के शीर्ष नेर्तत्व से मांग करता हूँ मामले की उचित जाँच करवाके कड़ी कार्रवाई की जाए एवं पीड़ित पत्रकार साथियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए।                 

भूपिंदर हुड्डा ,   भूपिंदर हुड्डा ने कहा रोहतक में भाजपा के पूर्व मंत्री और उनके कार्यकर्ताओं द्वारा हिन्दुस्तान टाइम्स के पत्रकारों को धमकाना बेहद निंदनीय है। प्रजातंत्र के चौथे स्तम्भ मीडिया के साथ ऐसा व्यवहार अनुचित है और लोकतंत्र में अस्वीकार्य है।

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