हिसार लोकसभा से बृजेंद्र सिंह को कांग्रेस की टिकट नहीं मिलने पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि चार साल तो उनको ये पीड़ा थी कि दुष्यंत उचाना से विधायक क्यों है? गठबंधन तुड़वाने के लिए उन्होंने (बीरेंद्र सिंह परिवार) अपना पूरा जोर लगा दिया।
गठबंधन टूटने से दो दिन पहले उनका बेटा (बृजेंद्र सिंह) कांग्रेस का पटका पहन आया। इस इच्छा से कि शायद लोकसभा की टिकट कांग्रेस दे देगी। कांग्रेस टिकट वितरण में भी उनका नाम कट गया। ये अब न घर के रहे वो न घाट के।
मंडियों में गेहूं खरीद, उठान के सवाल पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मंडियों के दौरे भी किए। निरीक्षण भी पार्टी पदाधिकारियों से करवाए। आज सरकार किसान के प्रति गंभीर नहीं है। किसान टूटा पड़ा है। सरकार किसान की कमर तोडऩे पर तुली है।
साफ दिखता है कि आज सरसों की पेमेंट को 17 से 18 दिन हो गए जिसे हैफेड, वेयर हाऊस दे नहीं पाया। गेहूं की लिफ्टिंग का बहाना करके किसान की परचेज में देरी की जा रही है। मुझे याद है कि पिछले साल 25 अप्रैल से मंडिया बंद होने लगी थी। 1 मई को हरियाणा में गेहूं की खरीद बंद कर दी थी। आज 27 अप्रैल हो गई लेकिन सरकार नीयतन देरी कर रही है।
पेमेंट जो 48 से 72 घंटे का हमने नियम बनाया था , सरकार ने उस सिस्टम को भी फेल कर दिया। किसान मेरे से नाराज जरूर थे लेकिन बहुतों को अब अहसास जरूर होने लगा है कि चार साल जो पैसा खाते में आया, गेहूं की खरीद जिस तरह से हुई। हमारी सत्ता में हिस्सेदारी की वजह से किसान सशक्त बना था।
उन्होंने सरकार से सवाल किया कि गेहूं का उठान अब तक भी क्यूं नही हो पाया है? गांवों में बीजेपी-जेजेपी के हो रहे विरोध के सवाल पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मुझे दो मामले याद है चाहे वो डॉ. अजय सिंह चौटाला का कुंगड़ गांव का मामला हो या दिग्विजय चौटाला का मामला। दोनों जगह कांग्रेस के भेजे हुए लोग थे।
भाजपा के उम्मीदवारों के विरोध के सवाल पर कहा कि जनता है अगर आप उनकी सुनवाई नहीं करोगे, उनसे चर्चा नहीं करोगे तो विरोध भी करेंगे। किसान हमारे अपने हैं। लोकसभा में भी मुझे इन्ही लोगों ने चुन कर भेजा था। विधानसभा में भी वो ही चुनेंगे। विरोध कर रहे है तो कोई गिला, शिकवा है उसे दूर करना हमारा काम है और गिले-शिकवे दूर कर लेंगे।